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Previous year question paper with solutions for Hindi Mar-2017
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Question paper 1
1, निरà¥à¤¦à¥‡à¤¶à¤¾à¤¨à¥à¤¸à¤¾à¤° उतà¥à¤¤à¤° दीजिठ:
(क) किसी à¤à¤• शबà¥à¤¦ का सनà¥à¤§à¤¿-विचà¥à¤›à¥‡à¤¦ कीजिà¤
फलाहार, राजेनà¥à¤¦à¥à¤°
Answer:
फलाहार- फल +आहार
राजेनà¥à¤¦à¥à¤° -राजा + इंदà¥à¤°
(ख) किसी à¤à¤• विगà¥à¤°à¤¹ पद को समसà¥à¤¤ पद में बदलिà¤
करà¥à¤® में निषà¥à¤ ा, राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¤ªà¤¤à¤¿ का à¤à¤µà¤¨ ।
Answer:
करà¥à¤® में निषà¥à¤ ा-करà¥à¤®à¤¨à¤¿à¤·à¥à¤ ा
राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¤ªà¤¤à¤¿ का à¤à¤µà¤¨ -राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¤ªà¤¤à¤¿à¤à¤µà¤¨
(ग) किसी à¤à¤• शबà¥à¤¦ का विशेषण शबà¥à¤¦ बनाà¤à¤
रंग, खामोश
Answer:
रंग-रंगीन
खामोश-खामोशी
(घ) किसी à¤à¤• शबà¥à¤¦ की à¤à¤¾à¤µà¤µà¤¾à¤šà¤• संजà¥à¤žà¤¾ वनाà¤à¤
मधà¥à¤°, दास
Answer:
मधà¥à¤°-मधà¥à¤°à¤¤à¤¾
दास-दासता
(ङ) किसी à¤à¤• शबà¥à¤¦ के दो-दो परà¥à¤¯à¤¾à¤¯à¤µà¤¾à¤šà¥€ शबà¥à¤¦ लिखें
सागर, हवा
Answer:
सागर - सिंधà¥, समà¥à¤‚दà¥à¤°
हवा - वायà¥, समीर
(च) किसी à¤à¤• समरूपी à¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤• शबà¥à¤¦-यà¥à¤—à¥à¤® का पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤— वाकà¥à¤¯ में करके अरà¥à¤¥ सà¥à¤ªà¤·à¥à¤Ÿ करें
गृह-गà¥à¤°à¤¹, धर-धारा
Answer:
गृह - घर - उसका गà¥à¤°à¤¹ सà¥à¤‚दर है l
गà¥à¤°à¤¹ - नकà¥à¤·à¤¤à¥à¤° - हमारे बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤¾à¤‚ड में 9 गà¥à¤°à¤¹ हैं l
धर - धरती - यह धर गोल है l
धारा - पानी का पà¥à¤°à¤µà¤¾à¤¹ - पानी की धारा तेज है l
(छ) किसी à¤à¤• वाकà¥à¤¯à¤¾à¤‚श के लिठà¤à¤• शबà¥à¤¦ लिखिà¤
समाज से संबधत, समाज से संबधत
Answer:
समाज से संबधत - सामाजिक
समाज से संबधत - देशदà¥à¤°à¥‹à¤¹à¥€
(ज) किसी à¤à¤• शबà¥à¤¦ का विलोम शबà¥à¤¦ लिखिà¤
करीब, मितà¥à¤°
Answer:
करीब - दूर
मितà¥à¤° - शतà¥à¤°à¥
(à¤) किसी à¤à¤• शबà¥à¤¦ के अनेकारà¥à¤¥à¤• शबà¥à¤¦ लिखिà¤
अंक , फल |
Answer:
अंक - गोंद, संखà¥à¤¯à¤¾
फल - लाà¤, पेड़ का फल,पà¥à¤°à¤£à¤¾à¤®
(ञ) किसी à¤à¤• अशà¥à¤¦à¥à¤§ वाकà¥à¤¯ को शà¥à¤¦à¥à¤§ करके लिखिà¤
पेड़ों में मत चढ़ो। मेले में बचà¥à¤šà¥€ गà¥à¤® हो गया।
Answer:
पेड़ों में मत चढ़ो - पेड़ पर मत चढ़ोl
मेले में बचà¥à¤šà¥€ गà¥à¤® हो गया - मेले में बचà¥à¤šà¥€ गà¥à¤® हो गईl
2. (i) निमà¥à¤¨à¤²à¤¿à¤–ित पà¥à¤°à¤¶à¥à¤¨à¥‹à¤‚ के उतà¥à¤¤à¤° à¤à¤• या दो पंकà¥à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ में दीजिà¤
(क) संत किस की à¤à¤¾à¤à¤¤à¤¿ नीर-कà¥à¤·à¥€à¤° विवेक करते हैं ?
Answer:
संत हंस की à¤à¤¾à¤à¤¤à¤¿ नीर-कà¥à¤·à¥€à¤° विवेक करते हैं l
(ख) फूल हमें कà¥à¤¯à¤¾ संदेश देते हैं ?
Answer:
खिले हà¥à¤ फूल मनà¥à¤·à¥à¤¯ को सदा मà¥à¤¸à¥à¤•à¥à¤°à¤¾à¤¤à¥‡ रहने का संदेश देते हैं
(ग) ममता कौन थी ?
Answer:
ममता रोहतास दà¥à¤°à¥à¤— के मंतà¥à¤°à¥€ चूड़ामणि की पà¥à¤¤à¥à¤°à¥€ थी
(घ) किस पà¥à¤°à¤•ार के मितà¥à¤° से à¤à¤¾à¤°à¥€ रकà¥à¤·à¤¾ होती है ?
Answer:
विशà¥à¤µà¤¾à¤¸à¤ªà¤¾à¤¤à¥à¤° मितà¥à¤° से à¤à¤¾à¤°à¥€ ककà¥à¤·à¤¾ होते होते हैं
(ङ) बेला का मायका किस शहर में था ?
Answer:
लाहौर शहर में
(ii) निमà¥à¤¨à¤²à¤¿à¤–ित पदà¥à¤¯à¤¾à¤‚श में से किसी à¤à¤• पदà¥à¤¯à¤¾à¤‚श की सपà¥à¤°à¤¸à¤‚ग वà¥à¤¯à¤¾à¤–à¥à¤¯à¤¾ कीजिà¤
(क) शà¥à¤°à¥€ गà¥à¤°à¥ चरन सरोज रज, निज मन मà¥à¤•à¥à¤°à¥ सà¥à¤§à¤¾à¤°à¤¿à¥¤
बरनउठरघà¥à¤¬à¤° विमल जसà¥, जो दायकॠफल-चारि।।
राम नाम मनी दीप धरà¥, जीह देहरी दà¥à¤µà¤¾à¤°à¥¤à¥¤
तà¥à¤²à¤¸à¥€ à¤à¥€à¤¤à¤° बाहरॠहैं, जी चाहसि उजियार।।
Answer:
(क) शà¥à¤°à¥€ गà¥à¤°à¥ चरन ................................................................. चाहसि उजियार।।
पà¥à¤°à¤¸à¤‚ग - पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¥à¤¤ दोहा तà¥à¤²à¤¸à¥€à¤¦à¤¾à¤¸ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ रजत दोहावली से लिया गया है यह दोहा हनà¥à¤®à¤¾à¤¨ चालीसा का पà¥à¤°à¤¾à¤°à¤‚à¤à¤¿à¤• दोहा है इसमें कवि ने शà¥à¤°à¥€ राम के नाम समà¥à¤°à¤¾à¤Ÿ की महिमा का वरà¥à¤£à¤¨ किया है
वà¥à¤¯à¤¾à¤–à¥à¤¯à¤¾ - कà¤à¥€ कहता है कि मैं शà¥à¤°à¥€ गà¥à¤°à¥ महाराज के चरण कमलों की धूल से अपने मन रूपी दरà¥à¤¶à¤¨ और पवितà¥à¤° धरके को शà¥à¤°à¥€ रघà¥à¤µà¤° राम जी को निरà¥à¤®à¤² पवितà¥à¤° यश का वरà¥à¤£à¤¨ करता हूं l जो चारों फलों धरà¥à¤® अरà¥à¤¥ काम और मोकà¥à¤· का देने वाला हैl हे मानव राम नाम रूपी दीपक को मà¥à¤–रूपी दà¥à¤µà¤¾à¤° की जीà¤à¤°à¥‚पी दहलीज पर रख l यदि तो à¤à¥€à¤¤à¤° और बाहर दोनों और उजाला जाता है l
(ख) उठ-उठलहरें कहतीं यह
हम कूल विलोक न पाà¤à¤ ।
पर इस उमंग में बह-बह
नित आगे बढ़ती जाà¤à¤à¥¤
Answer:
(ख) उठ-उठलहरें ........................................................................... बढ़ती जाà¤à¤à¥¤
पà¥à¤°à¤¸à¤‚ग - पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¥à¤¤ पंकà¥à¤¤à¤¿à¤¯à¤¾à¤‚ सà¥à¤®à¤¿à¤¤à¥à¤°à¤¾à¤¨à¤‚दन पंत दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ रचित कविता 'गाता खाग' से ली गई है कवि ने सागर में उड़ती हà¥à¤ˆ लहरों के माधà¥à¤¯à¤® से मनà¥à¤·à¥à¤¯ को निरंतर आगे बढ़ने की पà¥à¤°à¥‡à¤°à¤£à¤¾ दी है l
वà¥à¤¯à¤¾à¤–à¥à¤¯à¤¾ कà¤à¥€ कहता है कि समंदर की लहरें à¤à¤• के बाद à¤à¤• ऊपर होकर किनारे की और बढ़ती रहती है l लेकिन उनको कहीं पर à¤à¥€ किनारा नहीं मिलता परंतॠलहरें इसे उतà¥à¤¸à¤¾à¤¹ से सदा आगे बढ़ती रहती है कि उनको à¤à¤• दिन किनारा मिल जाà¤à¤—ा
(iii) निमà¥à¤¨à¤²à¤¿à¤–ित पà¥à¤°à¤¶à¥à¤¨à¥‹à¤‚ के उतà¥à¤¤à¤° तीन या चार पंकà¥à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ में दीजिà¤
(क) बेटे ने पतà¥à¤° में अपनी माठबसंती को कà¥à¤¯à¤¾ लिखा ?
Answer:
बेला ने अपनी मां के पतà¥à¤° में लिखा था कि उसकी तरकà¥à¤•ी हो गई है उसे उसकी कंपनी में रहने के लिठकोठी दी है उसके पास शहर आ जाठउसको कोई तकलीफ नहीं होगी
(ख) जयदेव को गà¥à¤ªà¥à¤¤à¤šà¤°à¥‹à¤‚ से कà¥à¤¯à¤¾ समाचार मिला ?
Answer:
जयदेव को गà¥à¤ªà¥à¤¤à¤šà¤°à¥‹à¤‚ से यह समाचार मिला था कि रात के अंधेरे में पà¥à¤²à¤¿à¤¸ से à¤à¤• डेढ़ मील दकà¥à¤·à¤¿à¤£ की तरफ कà¥à¤› लोग बॉरà¥à¤¡à¤° पार करने वाले हैं à¤à¤¸à¤¾ शक है कि सोना सà¥à¤®à¤—ल करके ला रहे हैं l
(ग) हम अपने देश के सौनà¥à¤¦à¤°à¥à¤¯ बोथ को किस पà¥à¤°à¤•ार चोट पहà¥à¤à¤šà¤¾à¤¤à¥‡ हैं?
Answer:
जब हम अपने देश कान को साफ सदसà¥à¤¯ दे तो हम अपने देश के सौनà¥à¤¦à¤°à¥à¤¯ बोथ को चोट पहà¥à¤à¤šà¤¾à¤¤à¥‡ हैं नगर मोहलà¥à¤²à¤¾ गांव आदि सà¥à¤µà¤šà¥à¤›à¤¤à¤¾ की और धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ देना चाहिठहमारा पà¥à¤°à¤µà¥‡à¤¶ गंदा रहेगा हमारे देश को धकà¥à¤•ा लगेगा l
(iv) निमà¥à¤¨à¤²à¤¿à¤–ित में से किनà¥à¤¹à¥€à¤‚ तीन पà¥à¤°à¤¶à¥à¤¨à¥‹à¤‚ के उतà¥à¤¤à¤° छः या सात पंकà¥à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ में दीजिà¤
(क) “सूखी डाली' à¤à¤•ांकी से हमें कà¥à¤¯à¤¾ शिकà¥à¤·à¤¾ मिलती है ?
Answer:
सूखी डाली' à¤à¤•ांकी हमें परिवार के सदसà¥à¤¯à¥‹à¤‚ का समान à¤à¤¾à¤µ से आदर समà¥à¤®à¤¾à¤¨ पà¥à¤°à¥‡à¤® और शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¤¾à¤ªà¥‚रà¥à¤µà¤• मिल जà¥à¤² रहना चाहिठl हमें अपने बà¥à¤œà¥à¤°à¥à¤—ो माता-पिता का आदर करना चाहिठउनके पà¥à¤°à¤¤à¤¿ शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¤¾ à¤à¤¾à¤µ रखना चाहिठतथा उनके दिठहà¥à¤ सà¥à¤à¤¾à¤µ को सà¥à¤µà¥€à¤•ार करना चाहिà¤l अपने का सà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¿à¤¤ बना कर घमंड में नहीं रहना चाहिठl अनà¥à¤¯à¤¥à¤¾ घमंड में रहकर आदमी परिवार के साथ रहकर पेड़ पर लगी सूखी डाली के समान बन कर रह जाता है
(ख) ममता का चरितà¥à¤°-चितà¥à¤°à¤£ कीजिà¤à¥¤
Answer:
ममता à¤à¤• सौदायमाई यà¥à¤µà¤¤à¥€ है बà¥à¤°à¤¾à¤¹à¥à¤®à¤£ होने के कारण उसके मन में धन के पà¥à¤°à¤¤à¤¿ मोह नहीं था बहà¥à¤¤ तà¥à¤¯à¤¾à¤— करना और कषà¥à¤Ÿ सहना à¤à¥€ जानती है उसमें à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ नारी के गà¥à¤£ मौजूद है ममता देश à¤à¤—त à¤à¥€ है राषà¥à¤Ÿà¥à¤° पà¥à¤°à¥‡à¤® उसकी नसों में कूट-कूट कर à¤à¤°à¤¾à¤¹à¥ˆ ममता यह जानती हà¥à¤ˆ थी उसके पति की हतà¥à¤¯à¤¾ यà¥à¤µà¤¾à¤“ं के हाथ से हà¥à¤ˆ है वह à¤à¤• यà¥à¤µà¤¾ अंतरà¥à¤—त सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ है कि हिंदू धरà¥à¤® में अतिथि देवो à¤à¤¾à¤µà¤¾ कहा गया है उसकी दूरदरà¥à¤¶à¤¿à¤¤à¤¾ बातों से सà¥à¤ªà¤·à¥à¤Ÿ रूप में दिखाई देती है
(ग) विशेषजà¥à¤žà¥‹à¤‚ ने à¤à¥à¤°à¤·à¥à¤Ÿà¤¾à¤šà¤¾à¤° खतà¥à¤® करने के कà¥à¤¯à¤¾-कà¥à¤¯à¤¾ उपाय बताठ?
Answer:
à¤à¥à¤°à¤·à¥à¤Ÿà¤¾à¤šà¤¾à¤° को दूर करने के लिठविशेषजà¥à¤žà¥‹à¤‚ वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ परिवरà¥à¤¤à¤¨ करने पर बल दिया है l à¤à¤¸à¥€ नीतियां और कानून देवता के अवसर पूरà¥à¤£à¤¤ समापà¥à¤¤ किया जा सके जब तक समाज में ठेकेदारी पà¥à¤°à¤¥à¤¾ है तब तक ठेकेदारों का रहेगा और यह लोग अपना काम निकलवाने हेतॠकिसी ना किसी अधिकारी को गà¥à¤¸ खिलाते रहेंगे अधिकारियों की गोशà¥à¤¤ बंद होने के सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ पर निरंतर बढ़ती रहेगी यदि ठेकेदारी पà¥à¤°à¤¥ को समापà¥à¤¤ कर दिया जाठतो समाज से गà¥à¤¸à¤¾à¤–ोरी समापà¥à¤¤ की जा सकती है l वह वहां गया था
(घ) 'दो कलाकार' कहानी का उदà¥à¤¦à¥‡à¤¶à¥à¤¯ सà¥à¤ªà¤·à¥à¤Ÿ कीजिà¤à¥¤
Answer:
'दो कलाकार' कहानी में दरà¥à¤¶à¤¾à¤¯à¤¾ गया है कि कला वेकेशन के अनà¥à¤¯ सà¥à¤§à¤¾à¤°à¤• को कलाकार माना परंपरागत रूप में पथाथा है किंतॠकलाकार वह à¤à¥€ है जिसमें मान गà¥à¤£à¥‹à¤‚ का समà¥à¤šà¤¿à¤¤ हो बनेगी वह किसी तलाक का अà¤à¥à¤¯à¤¾à¤¸ सी ना हो तो यह है कि मानव मूलà¥à¤¯ का संदेश अट उस कलाकार से बड़ा है जो मनà¥à¤·à¥à¤¯ के पà¥à¤°à¤¤à¤¿ अपनी डारà¥à¤µà¤¿à¤¨ से विकसित होकर केवल कला की साधना में ही दिन रहता है लेखक ने चितà¥à¤°à¤¾ को आतम - सà¥à¤–, अपनी उनà¥à¤¨à¤¤à¤¿, अपनी चितà¥à¤°à¤•ला, मे लीन दिखाकर तथा समाज के लिठदया, करà¥à¤£à¤¾ आदि कहता है l
(ङ) सचà¥à¤šà¥‡ मितà¥à¤° के कौन-कौन से गà¥à¤£ लेखक ने बताà¤à¤‚ हैं ?
Answer:
लेखक के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° सचà¥à¤šà¤¾ मितà¥à¤° पथ पà¥à¤°à¤¦à¤°à¥à¤¶à¤¨ के समान होता है l जिस पर हम पूरा विशà¥à¤µà¤¾à¤¸ कर सकते हैं l वह हमारे à¤à¤¾à¤ˆ जैसा होता है हमें अपना पà¥à¤°à¥€à¤¤ पातà¥à¤° बना सकते हैंl सचà¥à¤šà¤¾ मितà¥à¤° हमारी बहà¥à¤¤ रकà¥à¤·à¤¾ करता है सचà¥à¤šà¤¾ मितà¥à¤° हमें संकलà¥à¤ªà¤® में दृढ़ करता है, दोषों से से बचाता है
(i) पंजाब रोडवेज़, लà¥à¤§à¤¿à¤¯à¤¾à¤¨à¤¾ के महापà¥à¤°à¤¬à¤¨à¥à¤§à¤• को बस में छूट गये सामान के बारे में आवेदन पतà¥à¤° लिखिà¤à¥¤
Answer:
9/25 सेकà¥à¤Ÿà¤° 28
लà¥à¤§à¤¿à¤¯à¤¾à¤¨à¤¾
दिनांक 5 जनवरी2019
सेवा में
महापà¥à¤°à¤¬à¤‚धक
पंजाब रोडवेज
लà¥à¤§à¤¿à¤¯à¤¾à¤¨à¤¾
विषय - बस में छूटे समाज की खोजना का आवेदन पतà¥à¤° l
निवेदन है कि आज पà¥à¤°à¤¾à¤‚त:7 बजे का दिलà¥à¤²à¥€ से लà¥à¤§à¤¿à¤¯à¤¾à¤¨à¤¾ आने वाली वोलà¥à¤µà¥‹ बस पी बी 10 ठ9406 है मैं लà¥à¤§à¤¿à¤¯à¤¾à¤¨à¤¾ के सेकà¥à¤Ÿà¤° 28 मैं बस सà¥à¤Ÿà¥ˆà¤‚ड पर उतरा था मेरा बà¥à¤°à¥€à¤«à¤•ेस जिसका रंग नीला था तथा à¤à¤šà¤¡à¥€ कारà¥à¤¨à¤¿à¤µà¤² लगा हà¥à¤† था बस में रह गया मà¥à¤à¥‡ याद आया तो बस जा चà¥à¤•ी थी बस सà¥à¤Ÿà¥ˆà¤‚ड जाकर पता किया तो बस सवारियों को लेकर दिलà¥à¤²à¥€ जा चà¥à¤•ी थी l आप से पà¥à¤°à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤¨à¤¾ है कि बस के पà¥à¤°à¤šà¤¾à¤°à¤•ों से पता करके मेरा बà¥à¤°à¥€à¤«à¤•ेस मैं धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ कीजिठकà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि उसमें मेरा पà¥à¤°à¤®à¤¾à¤£ पतà¥à¤° तथा मेरा पहचान पतà¥à¤° à¤à¥€ है आशा है शीघà¥à¤° के विषय पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ जानकारी मà¥à¤à¥‡ सà¥à¤œà¥€à¤¤ है जिससे मैं अपना बà¥à¤°à¥€à¤«à¤•ेस कर सकूंगा
धनà¥à¤¯à¤µà¤¾à¤¦
दीप
अथवा
'रोज़ाना à¤à¤¾à¤°à¤¤, पंजाब के समाचार पतà¥à¤° के मà¥à¤–à¥à¤¯ समà¥à¤ªà¤¾à¤¦à¤• के नाम ‘बालशà¥à¤°à¤® : à¤à¤• अपराध' विषय पर à¤à¤• पतà¥à¤° लिखिà¤à¥¤
Answer:
सेवा में
संपादक
रोज़ाना à¤à¤¾à¤°à¤¤
चंडीगढ़
विषय:बालशà¥à¤°à¤® à¤à¤• अपराध
आप के समाचार पतà¥à¤° में यह पढ़कर की हैदराबाद से 200 बाल मजदूरों को मà¥à¤•à¥à¤¤ कराया गया, मैं पतà¥à¤°à¤•ार हूं तथा जनता का धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ इस ओर आकरà¥à¤·à¤¿à¤¤ चाहता हूं सरकारी कानून होते हà¥à¤ à¤à¥€ बाल मजदूरों की संखà¥à¤¯à¤¾ पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¦à¤¿à¤¨ बढ़ती जा रही है l चाय की दà¥à¤•ान, ढाबे, अनà¥à¤¯ अनेक दà¥à¤•ानों पर छोटे-छोटे बचà¥à¤šà¥‡ काम करते दिखाई देते हैं l बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ को बसà¥à¤¤à¤¾ लेकर सà¥à¤•ूल जाना चाहिठथा आजकल कमाने का à¤à¥‹à¤œ सह रहे हैं l घरेलू नौकरों के रूप में à¤à¥€ बाल मजदूरों का शोषण हो रहा है lअनेक सामाजिक संसà¥à¤¥à¤¾à¤“ं , पतà¥à¤°à¤•ारों को इन बाल मजदूरों के शोषण के विरà¥à¤¦à¥à¤§ कठोर कारà¥à¤°à¤µà¤¾à¤ˆ करनी चाहिठआशा है कि संबंधित अधिकारी बाल मजदूरी को रोकने के लिठकदम उठाà¤à¤‚गे l तथा जनता बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ को मजदूरी करने के लिठनहीं करेगी l
धनà¥à¤¯à¤µà¤¾à¤¦
जगजीत कौर
48 सराà¤à¤¾ नगर लà¥à¤§à¤¿à¤¯à¤¾à¤¨à¤¾ l
(ii) निमà¥à¤¨à¤²à¤¿à¤–ित में से किसी à¤à¤• विषय पर 100-120 शबà¥à¤¦à¥‹à¤‚ में अनà¥à¤šà¥à¤›à¥‡à¤¦ लिखिà¤
विदà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥à¤¥à¥€ और अनà¥à¤¶à¤¾à¤¸à¤¨, परीकà¥à¤·à¤¾ से à¤à¤• घंटे पूरà¥à¤µ, पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤•ालय के लाà¤à¥¤
Answer:
विदà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥à¤¥à¥€ और अनà¥à¤¶à¤¾à¤¸à¤¨
विदà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥à¤¥à¥€ और अनà¥à¤¶à¤¾à¤¸à¤¨ à¤à¤• दूसरे के पूरक है पू कहीं की अनà¥à¤¶à¤¾à¤¸à¤¨ की विदà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥à¤¥à¥€ की नीब है l विदà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥à¤¥à¥€ जीवन में अनà¥à¤¶à¤¾à¤¸à¤¨ का महतà¥à¤µ है अनà¥à¤¶à¤¾à¤¸à¤¿à¤¤ विदà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥à¤¥à¥€ ही सफलता की ऊंचाइयों को सफल होता है जो विदà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥à¤¥à¥€ अपने जीवन में अनà¥à¤¶à¤¾à¤¸à¤¨ को नहीं अपना था वह कà¤à¥€ à¤à¥€ सफल नहीं होता अपने जीवन की बरà¥à¤¬à¤¾à¤¦à¥€ कर लेता हैl अनà¥à¤¶à¤¾à¤¸à¤¨ के जीवन कटी पतंग के समान होता है जिसका कोई लकà¥à¤·à¥à¤¯ नहीं होता आरती अपने विदà¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ में रहकर अनà¥à¤¶à¤¾à¤¸à¤¨ का पालन करता है अपने शिकà¥à¤·à¤•ों का आदर करता है और ना ही नहीं जीवन में हर पल नियमों - अनà¥à¤¶à¤¾à¤¸à¤¨ में बंद कर चलता है वह कà¤à¥€ à¤à¥€ असफल नहीं हो सकता l सफलता उसके कदम चूमती हैl इसीलिठहमें अनà¥à¤¶à¤¾à¤¸à¤¨ बंद नहीं करना चाहिठबलà¥à¤•ि अनà¥à¤¶à¤¾à¤¸à¤¨ का पालन करना चाहिà¤
परीकà¥à¤·à¤¾ से à¤à¤• घंटे पूरà¥à¤µ
वैसे तो मनà¥à¤·à¥à¤¯ परीकà¥à¤·à¤¾ से घबराता है किंतॠविदà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥à¤¥à¥€ इससे बैडिट होते हैं à¤à¤—à¥à¤œà¤¾à¤® में पास अà¤à¤¿à¤·à¥‡à¤• का है नहीं तो बहà¥à¤®à¥‚लà¥à¤¯ वरà¥à¤· नषà¥à¤Ÿ हो जाà¤à¤—ा इसी घबराहट और डर का कारण परीकà¥à¤·à¤¾ से पूरा à¤à¤• घंटा महतà¥à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤£ सिदà¥à¤§ होता हैl पà¥à¤°à¤¶à¤¾à¤¸à¤¨ बोलने से à¤à¤• घंटा पहले परीकà¥à¤·à¤¾ à¤à¤µà¤¨ पहà¥à¤‚चा दो मेरा दिल धक धक कर रहा था l मैं सोच रहा था कि सारी रात जागकर जो पà¥à¤°à¤¶à¤¨ तैयार किठहैं यदि वह रकà¥à¤·à¤¾à¤¬à¤‚धन पà¥à¤°à¤¶à¥à¤¨à¤ªà¤¤à¥à¤° में ना आठतो कà¥à¤¯à¤¾ होगा शिकà¥à¤·à¤¾ à¤à¤µà¤¨ के बाहर दृशà¥à¤¯ बड़ा विचितà¥à¤° थाl कोई कह रहा था कि सारी पाठà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® दोहरा ली है लेकिन कोई पà¥à¤°à¤¶à¤¨ घà¥à¤®à¤¾ फिरा आ गया तो मà¥à¤¶à¥à¤•िल हो जाà¤à¤—ी l पà¥à¤°à¤¶à¥à¤¨à¥‹à¤‚ हल करने और समà¤à¤¨à¥‡ के तरीके à¤à¤• दूसरे से साà¤à¤¾ कर रहे थेl थोड़ी ही देर घंटी बजी परीकà¥à¤·à¤¾ à¤à¤µà¤¨ का गेट खà¥à¤²à¤¾ l परीकà¥à¤·à¤¾ à¤à¤µà¤¨ के बाहर हनà¥à¤®à¤¾à¤¨ और सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ देखने के लिठसूचना पतà¥à¤° लगा हà¥à¤† था l सà¤à¥€ विदà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥à¤¥à¥€ देखते ही देखते अपने सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ ढूंढने लगे सूचना पतà¥à¤° à¤à¥€ अपना नाम और सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ देख कर मैं अपने सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ पर जाकर बैठगया
पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤•ालय के लाà¤
पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤•ालय विजà¥à¤žà¤¾à¤¨ का अदà¥à¤à¥à¤¤ पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤•ालय जà¥à¤žà¤¾à¤¨ का वह मंदिर होता है जहां हमें विà¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ महापà¥à¤°à¥à¤·à¥‹à¤‚ लेखकों सरकारों आदि विचारों को पढ़कर जà¥à¤žà¤¾à¤¨ पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ कर सकते हैंl जिस तरह जीवन के लिठशà¥à¤¦à¥à¤§ हवा को जो जल की जरूरत होती है उसी तरह जà¥à¤žà¤¾à¤¨ पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤à¤¿ के लिठउतà¥à¤¤à¤® पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤•ों की आवशà¥à¤¯à¤•ता होती है l पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤•ालय में अनेक पà¥à¤°à¤•ार की पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤•ें होती हैं पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤•ालय का मानव जीवन में बहà¥à¤¤ लाठहै l इससे हम धारà¥à¤®à¤¿à¤• जà¥à¤žà¤¾à¤¨ पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ कर सकते हैं इससे बड़े बड़े विजà¥à¤žà¤¾à¤¨à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ के बारे में पढ़ सकते है l उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कौन-कौन से अविषà¥à¤•ार किठहà¥à¤ हैं उनके बारे में सारी जानकारी इन पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤•ों से ही मिलती है l और यह हमें पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤•ालय से पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ होते हैं इनसे हमें à¤à¤¾à¤°à¤¤ के ही नहीं बलà¥à¤•ि विशà¥à¤µ इतिहास का जà¥à¤žà¤¾à¤¨ होता हैl पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤•ालय से हमें अपनी पà¥à¤°à¤¾à¤šà¥€à¤¨ सà¤à¥à¤¯à¤¤à¤¾ à¤à¤µà¤‚ परंपराओं का जà¥à¤žà¤¾à¤¨ à¤à¥€ मिल सकता है कला संसà¥à¤•ृति की वसà¥à¤¤à¥à¤¤ जानकारी पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ हो सकती है l यदि हम पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤•ालय का सदà¥à¤ªà¤¯à¥‹à¤— करें तो यह हमें जीवन में वरदान सिदà¥à¤§ हो सकती है गले में शांत होकर जà¥à¤žà¤¾à¤¨ पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ करना चाहिठl
4. निमà¥à¤¨à¤²à¤¿à¤–ित गदà¥à¤¯à¤¾à¤‚श को पढ़कर दिठगठपà¥à¤°à¤¶à¥à¤¨à¥‹à¤‚ के उतà¥à¤¤à¤° लिखें
चरितà¥à¤°-निरà¥à¤®à¤¾à¤£ जीवन की सफलता की कà¥à¤‚जी है। जो मनà¥à¤·à¥à¤¯ अपने चरितà¥à¤°-निरà¥à¤®à¤¾à¤£ की ओर धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ देता है, वही जीवन में विजयी होता है। चरितà¥à¤° निरà¥à¤®à¤¾à¤£ से मनà¥à¤·à¥à¤¯ के à¤à¥€à¤¤à¤° à¤à¤¸à¥€ शकà¥à¤¤à¤¿ जागृत होती है, जो उसे जीवन संघरà¥à¤· में विजयी बनाती है। à¤à¤¸à¤¾ वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ जीवन के पà¥à¤°à¤¤à¥à¤¯à¥‡à¤• कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° में सफलता पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ करता है। वह जहाठकहीं à¤à¥€ जाता है, अपने चरितà¥à¤°-निरà¥à¤®à¤¾à¤£ की शयित से अपना पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µ सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¿à¤¤ कर लेता है। वह सहसà¥à¤°à¥‹à¤‚ और लाखों के बीच में à¤à¥€ अपना असà¥à¤¤à¤¿à¤¤à¥à¤µ रखता है। उसे देखते ही लोग उसके वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿à¤¤à¥à¤µ के सामने अपना मसà¥à¤¤à¤• à¤à¥à¤•ा लेते हैं। उसके वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿à¤¤à¥à¤µ में सूरà¥à¤¯ का तेज, आà¤à¤§à¥€ की गति और गंगा के पà¥à¤°à¤µà¤¾à¤¹ की अबाधता है।
(क) जीवन में चरितà¥à¤°-निरà¥à¤®à¤¾à¤£ का कà¥à¤¯à¤¾ महतà¥à¤µ है ?
Answer:
चरितà¥à¤°-निरà¥à¤®à¤¾à¤£ जीवन की सफलता की कà¥à¤‚जी है
(ख) अचà¥à¤›à¥‡ चरितà¥à¤° का वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ जीवन में सफलता कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ करता है ?
Answer:
चरितà¥à¤° निरà¥à¤®à¤¾à¤£ से मनà¥à¤·à¥à¤¯ को जीवन में आने वाले संघरà¥à¤·à¥‹à¤‚ का मà¥à¤•ाबला करने की शकà¥à¤¤à¤¿ पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ होती है
(ग) चरितà¥à¤°à¤µà¤¾à¤¨à¥ वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ की तीन विशेषताà¤à¤ लिखें।
Answer:
चरितà¥à¤°à¤µà¤¾à¤¨à¥ वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ का सब लोग आदर करते हैं l उनका अपना वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿à¤¤à¥à¤µ होता हैl वह जीवन में सदा सफल होते हैं
(घ) “स”, “वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿à¤¤à¥à¤µ' शबà¥à¤¦à¥‹à¤‚ के अरà¥à¤¥ लिखें।
Answer:
साहतà¥à¤°à¥‹à¤‚ = दस की संखà¥à¤¯à¤¾ वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿à¤¤à¥à¤µ वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ के गà¥à¤µ
(ङ) उचित शीरà¥à¤·à¤• लिखें।
Answer:
चरितà¥à¤°-निरà¥à¤®à¤¾à¤£
5.(i) किनà¥à¤¹à¥€à¤‚ तीन मà¥à¤¹à¤¾à¤µà¤°à¥‹à¤‚/लोकोकà¥à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ को वाकà¥à¤¯à¥‹à¤‚ में इस पà¥à¤°à¤•ार पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤— करें कि उनका अरà¥à¤¥ सà¥à¤ªà¤·à¥à¤Ÿ हो जाठ:
लोहा लेना, मोती पिरोना, जोते हल तो होवे फल, घर का à¤à¥‡à¤¦à¥€ लंका टà¥à¤°à¤¾à¤, जो गरजते हैं ये बरसते नहीं।
Answer:
लोहा लेना:-( टककर लेने)à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ सेना ने दà¥à¤¶à¥à¤®à¤¨à¥‹à¤‚ से लोहा लेकर पराजित कर दिया
मोती पिरोना:-( सà¥à¤‚दर लिखना) आशा की लगाई à¤à¤¸à¥€ लगती है जैसे मोती पिरोठहो​​​​​​​
जोते हल तो होवे फल:- ( मेहनती लोग सफल होते हैं) सारा साल पढ़ाई करके विदà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥à¤¥à¥€ अचà¥à¤›à¥‡ अंक लेकर सफल होते हैं कहां गया है जोते हल तो होवे फल l
घर का à¤à¥‡à¤¦à¥€ लंका टà¥à¤°à¤¾à¤:-(आपसी फूट में नà¥à¤•सान ):- देश में आंतकवाद देशदà¥à¤°à¥‹à¤¹à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ के कारण खेल रहा है बात हà¥à¤ˆ कि घर का à¤à¥‡à¤¦à¥€ लंका ढाठ​​​​​​​
जो गरजते हैं ये बरसते नहीं।:- (सीखी मारने वाले कà¥à¤› नहीं कर पाते) चà¥à¤¨à¤¾à¤µ के दिनों में बड़े बड़े वादे करके नेता à¤à¥‚ल जाते हैं कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि जो गरजते हैं वह बरसते नहीं
(ii) निमà¥à¤¨à¤²à¤¿à¤–ित गदà¥à¤¯à¤¾à¤‚श का हिनà¥à¤¦à¥€ में अनà¥à¤µà¤¾à¤¦ करें :
ਸਾਨੂੰ ਆਪਣੇ ਤਨ ਨੂੰ ਤੰਦਰà©à¨¸à¨¤ ਰੱਖਣ ਲਈ ਕਸਰਤ ਕਰਨ ਦੀ ਆਦਤ ਪਾਉਣੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ । ਕਸਰਤ ਨਾਲ ਕੇਵਲ ਤਨ ਹੀ ਨਹੀਂ ਸਗੋਂ ਮਨ ਵੀ ਚੰਗਾ ਬਣਦਾ ਹੈ । ਜਦੋਂ ਤਨ ਅਤੇ ਮਨ ਦੋਵੇਂ ਤੰਦਰà©à¨¸à¨¤ ਹੋ ਜਾਣਗੇ ਤਾਂ ਸਾਡੇ ਮਨ ਵਿੱਚ ਚੰਗੇ ਵਿਚਾਰ ਆਉਣਗੇ । ਚੰਗੇ ਵਿਚਾਰਾਂ ਨਾਲ ਹੀ ਅਸੀਂ ਚੰਗੇ ਕਰਮ ਕਰਾਂਗੇ ।
Answer:
हमें अपने शरीर को सà¥à¤µà¤¸à¥à¤¥ रखने के लिठवà¥à¤¯à¤¾à¤¯à¤¾à¤® करने की आदत डालनी चाहिà¤à¥¤ वà¥à¤¯à¤¾à¤¯à¤¾à¤® न केवल शरीर बलà¥à¤•ि मन को à¤à¥€ अचà¥à¤›à¥‡ बनाता है। जब शरीर और मन सà¥à¤µà¤¸à¥à¤¥ होंगे, तो हमें अचà¥à¤›à¥‡ विचार मिलेंगे। केवल अचà¥à¤›à¥‡ विचार ही हमें अचà¥à¤›à¥‡ करà¥à¤® करेंगे।
(iii) आपका नाम राजेश कà¥à¤®à¤¾à¤° है। आप सरकारी हाई सà¥à¤•ूल पटियाला में पढ़ते हैं। आप à¤à¤¨.à¤à¤¸.à¤à¤¸. यूनिट के मà¥à¤–à¥à¤¯ सचिव हैं। आपके सà¥à¤•ूल में 10 मई, 2016 को रकà¥à¤¤à¤¦à¤¾à¤¨ शिविर का आयोजन किया जा रहा है। आप अपनी तरफ से à¤à¤• नोटिस तैयार करें जिसमें सà¥à¤•ूल के विदà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ से रकà¥à¤¤à¤¦à¤¾à¤¨ के लिठअनà¥à¤—à¥à¤°à¤¹ किया जाये।
Answer:
विदà¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ के सà¤à¥€ विदà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ को सूचित किया जा रहा है कि आपके विदà¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ मी दिनांक 10 मई 2016 को à¤à¤• रकà¥à¤¤ शिविर का आयोजन किया जा रहा है हेलो रकà¥à¤¤à¤¦à¤¾à¤¨ से बड़ा कोई धरà¥à¤® नहीं होता जो à¤à¥€à¤® देहाती सà¥à¤µà¥‡à¤šà¥à¤›à¤¾ से रकà¥à¤¤à¤¦à¤¾à¤¨ करना चाहता है वह आमंतà¥à¤°à¤¿à¤¤ है
4 मई, 2016
राजेश कà¥à¤®à¤¾à¤°
मà¥à¤–à¥à¤¯ सचिव à¤à¤¨.à¤à¤¸.à¤à¤¸.
अथवा
आपका नाम अशोक शरà¥à¤®à¤¾ है, आप मकान नमà¥à¤¬à¤° 87, सेकà¥à¤Ÿà¤° 17, चणà¥à¤¡à¥€à¤—ढ़ में रहते हैं। आपकी सपà¥à¤·à¥à¤Ÿà¥€ पलक 25 वरà¥à¤·, कद 5 फà¥à¤Ÿ 4 इंच, à¤à¤®.à¤. पास हेतॠयोगà¥à¤¯ वर चाहिà¤à¥¤ वैवाहिक शीरà¥à¤·à¤• के अनà¥à¤¤à¤°à¥à¤—त à¤à¤• विपिन का पà¥à¤°à¤¾à¤°à¥‚प तैयार करें।
Answer:
मेरी सपà¥à¤·à¥à¤Ÿà¥€ पलक 25 वरà¥à¤·, कद 5 फà¥à¤Ÿ 4 इंच, à¤à¤®.à¤. पास अचà¥à¤›à¥‡ घराने का योगà¥à¤¯ वर चाहिà¤l संपरà¥à¤• करो...........अशोक शरà¥à¤®à¤¾ मकान नमà¥à¤¬à¤° 87, सेकà¥à¤Ÿà¤° 17 चणà¥à¤¡à¥€à¤—ढ़ l
(iv) मान लो आपका नाम निरà¥à¤®à¤²à¤¾ देवी है। आपको सेविंगà¥à¤¸ बैंक खाता नं. 79684 में से दस हज़ार रà¥à¤ªà¤¯à¥‡ निकलवाने है।
अतः आप नीचे दिठगठपà¥à¤°à¤ªà¤¤à¥à¤° की रूपरेखा को अपनी उतà¥à¤¤à¤°-पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤¿à¤•ा पर उतार कर à¤à¤°à¥‡à¤‚
बचत खाता नं...........................................................दिनांक......................
मà¥à¤à¥‡ सà¥à¤µà¤¯à¤‚ को .........................................................................रà¥. की राशि।
शà¥à¤°à¥€/स.......................................................................के खाते से आहरण कर
अदा करें। रà¥........................
Answer:
बचत खाता नं .79684 दिनांक15 मई 2017
मà¥à¤à¥‡ सà¥à¤µà¤¯à¤‚ को दस हज़ार. रà¥. की राशि।
शà¥à¤°à¥€/स. निरà¥à¤®à¤²à¤¾ देवी के खाते से आहरण कर
अदा करें। रà¥.10,000
निरà¥à¤®à¤²à¤¾ देवी
अथवा
इनà¥à¤¸à¤Ÿà¥‡à¤‚ट मनीऑडर (आई à¤à¤® ओ) किसे कहते हैं ?
Answer:
मोबाइल मनी टà¥à¤°à¤¾à¤‚सफर साइंस धन à¤à¥‡à¤œà¤¨à¥‡ का सबसे तेज सà¥à¤µà¤¿à¤§à¤¾à¤œà¤¨à¤• विशà¥à¤µà¤¸à¤¨à¥€à¤¯ और सरल माधà¥à¤¯à¤® हैl इंटरनेट मनी ऑरà¥à¤¡à¤° कहते हैं इस माधà¥à¤¯à¤® से मिनटों में धनराशि पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤à¤•रà¥à¤¤à¤¾ को मिल जाती है l डाकघरों से पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ पà¥à¤°à¤ªà¤¤à¥à¤° को à¤à¤° कर अधिकारी को देने पर पà¥à¤°à¥‡à¤·à¤• को कंपà¥à¤¯à¥‚टर दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ 16 अंक का सील बंदी गà¥à¤ªà¥à¤¤ नंबर दिया जाता है l जिसे पà¥à¤°à¥‡à¤·à¤• पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤à¤•रà¥à¤¤à¤¾ को फोन, à¤à¤«à¤à¤®à¤à¤¸ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ बता देता है जो इंटरनेट मनी ऑरà¥à¤¡à¤° के अपने नगर के कहने पर जाकर वहां के अधिकारी को बताता है तथा अपनी पहचान का फोटो पहचान पतà¥à¤° दिखाकर पà¥à¤°à¥‡à¤·à¤• दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ उसे à¤à¥‡à¤œà¥€ गई राशि पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ कर सकता है
Question paper 2
1.निरà¥à¤¦à¥‡à¤¶à¤¾à¤¨à¥à¤¸à¤¾à¤° उतà¥à¤¤à¤° दीजिठ:
(क) किसी à¤à¤• शबà¥à¤¦ में सनà¥à¤§à¤¿ कीजिà¤
पà¥à¤°à¤¤à¤¿ + à¤à¤•, गज + आननà¥à¥¤
Answer:
पà¥à¤°à¤¤à¤¿ + à¤à¤• - पà¥à¤°à¤¤à¥à¤¯à¥‡à¤•
गज + आननॠ- गजानन
(ख) किसी à¤à¤• समसà¥à¤¤ पद को विगà¥à¤°à¤¹ पद में बदलिà¤
बाढ़ - पीड़ित, à¤à¥à¤–मरा।
Answer:
बाढ़ - पीड़ित - बाढ़ से पीड़ित
à¤à¥à¤–मरा - à¤à¥‚ख से मरा
(ग) किसी à¤à¤• शबà¥à¤¦ की à¤à¤¾à¤µà¤µà¤¾à¤šà¤• संजà¥à¤žà¤¾ बनाà¤à¤
मितà¥à¤°, नमक।
Answer:
मितà¥à¤° - मितà¥à¤°à¤¤à¤¾
नमक - नमकीन
(घ) किसी à¤à¤• शबà¥à¤¦ का विशेषण शबà¥à¤¦ बनाà¤à¤
सपà¥à¤¤à¤¾à¤¹, जà¥à¤žà¤¾à¤¨à¥¤
Answer:
सपà¥à¤¤à¤¾à¤¹ - सपà¥à¤¤à¤¾à¤¹à¤¿à¤•
जà¥à¤žà¤¾à¤¨ - जà¥à¤žà¤¾à¤¨à¤µà¤¾à¤¨
(ङ) किसी à¤à¤• शबà¥à¤¦ के दो-दो परà¥à¤¯à¤¾à¤¯à¤µà¤¾à¤šà¥€ शबà¥à¤¦ लिखें
पà¥à¤¤à¥à¤°, आà¤à¤–।
Answer:
पà¥à¤¤à¥à¤° - बेटा, सà¥à¤¤
आà¤à¤– - नेतà¥à¤°, लोचन
(च) किसी à¤à¤• समरूपी à¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤• शबà¥à¤¦-यà¥à¤—à¥à¤® का पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤— बाकà¥à¤¯ में करके अरà¥à¤¥ रपषà¥à¤Ÿ करें
सà¥à¤¤ - सूत, मातृ - मातà¥à¤° ।
Answer:
सà¥à¤¤ - बेटा- उसका सूट ईमानदार है
सूत - धागा- आज मैंने सूत का गोला बनाया
मातृ - माता - धरती हमारी है
मातà¥à¤° - केबल - राम अपने माता पिता का à¤à¤•मातà¥à¤° सहारा है
(छ) किसी à¤à¤• वाकà¥à¤¯à¤¾à¤‚श के लिठà¤à¤• शबà¥à¤¦ लिखिà¤
जिसका पार न हो, डाक बाà¤à¤Ÿà¤¨à¥‡ वाला।
Answer:
जिसका पार न हो - अपार
डाक बाà¤à¤Ÿà¤¨à¥‡ वाला - डाकिया
(ज) किसी à¤à¤• शबà¥à¤¦ का विलोम शबà¥à¤¦ लिखिà¤
आशा, मान।
Answer:
आशा - निराशा
मान - अपमान
(à¤) किसी à¤à¤• शबà¥à¤¦ के अनेकारà¥à¤¥à¤• शबà¥à¤¦ लिखिà¤
कनक, उतà¥à¤¤à¤° ।
Answer:
कनक - गेहूं, सोना , धतूरा
उतà¥à¤¤à¤° - जवाब, उतà¥à¤¤à¤° दिशा, बाद का
(अ) किसी à¤à¤• अशà¥à¤¦à¥à¤§ वाकà¥à¤¯ को शà¥à¤¦à¥à¤§ करके लिखिà¤
(i) लड़का ने पतà¥à¤° लिखा।
(ii) बंदर छत में बैठा है।
Answer:
लड़का ने पतà¥à¤° लिखा - लड़के ने पतà¥à¤° लिखाl
बंदर छत में बैठा है - बंदर छत पर बैठा है l
2(i) निमà¥à¤¨à¤²à¤¿à¤–ित पà¥à¤°à¤¶à¥à¤¨à¥‹à¤‚ के उतà¥à¤¤à¤° à¤à¤• या दो पंकà¥à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ में दीजिà¤
(क) शà¥à¤°à¥€ कृषà¥à¤£ ने कौन-सा परà¥à¤µà¤¤ धारण किया था ?
Answer:
गोवरà¥à¤§à¤¨ परà¥à¤µà¤¤
(ख) जड़ का इतिहास कà¥à¤¯à¤¾ है ?
Answer:
वह सदा जमीन के अंदर मà¥à¤‚ह गारà¥à¤¡ कर पड़ी रहती है l
(ग) तेजा सिंह कौन था ?
Answer:
तेजा सिंह 15 -16 साल का à¤à¤• किसान का बेटा था l
(घ) मानसिक à¤à¥‚कमà¥à¤ª से कà¥à¤¯à¤¾ अà¤à¤¿à¤ªà¥à¤°à¤¾à¤¯ है ?
Answer:
मानसिक विचारों और विशà¥à¤µà¤¾à¤¸à¥‹à¤‚ में उतà¥à¤ªà¤¨à¥à¤¨ हलचल को मानसिक à¤à¥‚कंप कहते हैं l
(ङ) सà¥à¤®à¤¿à¤¤à¥à¤°à¤¾ के पà¥à¤¤à¥à¤° का नाम बताइà¤à¥¤
Answer:
जयदेव है
(ii) निमà¥à¤¨à¤²à¤¿à¤–ित पदà¥à¤¯à¤¾à¤‚श में से किसी à¤à¤• पदà¥à¤¯à¤¾à¤‚श की सपà¥à¤°à¤¸à¤‚ग वà¥à¤¯à¤¾à¤–à¥à¤¯à¤¾ कीजिà¤
(क) मेरे तो गिरिधर गोपाल, दूसरो न कोई।
जाके सिर मोर मà¥à¤•à¥à¤Ÿ, मेरो पति सोई।
तात मात à¤à¥à¤°à¤¾à¤¤ बंधà¥, आपनो न कोई ।।
छोड़ दई कà¥à¤² की कानि, कहा करै कोई।
Answer:
मेरे तो गिरिधर .........................................................................कहा करै कोई।
पà¥à¤°à¤¸à¤‚ग :- पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¥à¤¤ पद मीराबाई की पदावली में से लिया गया है l à¤à¤—वान शà¥à¤°à¥€ कृषà¥à¤£ को पति के रूप में शंकर अनà¥à¤¯ à¤à¤•à¥à¤¤à¤¿ à¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾ का परिचय दिया है l
वà¥à¤¯à¤¾à¤–à¥à¤¯à¤¾ :- मीरा जी कहती है मेरे सबरसà¥à¤µ गोवरà¥à¤§à¤¨ परà¥à¤µà¤¤ धारी शà¥à¤°à¥€ कृषà¥à¤£ है l इसके जैसा कोई नहीं है l मोर मà¥à¤•à¥à¤Ÿ धारण करने वाले शà¥à¤°à¥€ कृषà¥à¤£ ही मेरे पति हैं l पिता, माता, à¤à¤¾à¤ˆ, सगा, संबंधी इन में अनà¥à¤¯ मेरा अपना कोई नहीं है l मैंने अपने परिवार की मान मरà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ को छोड़कर उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ अपना लिया है इसीलिठमेरा अब कोई कà¥à¤¯à¤¾ कर मैं हूं लाज की चिंता छोड़ कर संतों की पà¥à¤¯à¤¾à¤¸ बढ़ाती हूं l
(ख) à¤à¤• दिन तने ने à¤à¥€ कहा था,
जड़ ?
जड़ तो जड़ ही है,
जीवन से सदा इरी रही है,
और यहीं है इसका सारा इतिहास
कि ज़मीन में मà¥à¤‚ह गड़ाठपड़ी रही है;
Answer:
à¤à¤• दिन तने ...................................................................................पड़ी रही है;
पà¥à¤°à¤¸à¤‚ग:- पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¥à¤¤ पंकà¥à¤¤à¤¿à¤¯à¤¾à¤‚ 'बचà¥à¤šà¤¨' दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ रचित कविता ' जड़ की मà¥à¤¸à¥à¤•ान' से ली गई है l जिम में वृकà¥à¤· की जड़ के बारे में लिखा है
वà¥à¤¯à¤¾à¤–à¥à¤¯à¤¾:- कवि लिखता है की 1 दिन तने ने कहा कि जड़ तो जड़ है l वह सदा जमीन में मà¥à¤‚ह गड़ा कर पड़ी रहती है उसका सारा इतिहास नहीं है वह संसार से मà¥à¤‚ह छिपाकर जमीन के अंदर छà¥à¤ªà¥€ रहती हैl
(iii) निमà¥à¤¨à¤²à¤¿à¤–ित पà¥à¤°à¤¶à¥à¤¨à¥‹à¤‚ के उतà¥à¤¤à¤° तीन या चार पंकà¥à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ में दीजिà¤
(क) à¤à¤•ांकी के अंत में बेला रà¥à¤‚धे कंठसे कà¥à¤¯à¤¾ कहती है ?
Answer:
बेला रà¥à¤‚धे कंठसे कà¥à¤¯à¤¾ कहती है अब दादा जी पेड़ से गति किसी डाली का टूटकर अलग होना पसंद नहीं करते तो वह यह à¤à¥€ नहीं चाहेंगे कि वह डाली पेड़ से लगी लगी सà¥à¤– कर मà¥à¤°à¤à¤¾ जाठl
(ख) गà¥à¤°à¥ नानक देव जी के जनà¥à¤® के समà¥à¤¬à¤¨à¥à¤§ में à¤à¤¾à¤ˆ गà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¸ जी ने कौन-सी तà¥à¤• लिखी ?
Answer:
à¤à¤¾à¤ˆ गà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¸ जी ने लिखा है लिखा था
"सà¥à¤¨à¥€ पà¥à¤•ार दातार पà¥à¤°à¤à¥
गà¥à¤°à¥ नानक जग माहिं पठाया ll"
(ग) सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ की परेशानी का कà¥à¤¯à¤¾ कारण था ?
Answer:
सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ का बेटा असà¥à¤ªà¤¤à¤¾à¤² में दाखिल था उसका ऑपरेशन हà¥à¤† था l सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ उससे मिलने असà¥à¤ªà¤¤à¤¾à¤² आई थीl सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ का बेटा उसे वहां से जाने नहीं दे रहा था l बेटा सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ की कोई बात सà¥à¤¨à¤¨à¥‡ के लिठतैयार नहीं था l पीडी का इसी पà¥à¤°à¤•ार रोना परेशानी का कारण था l
(iv) निमà¥à¤¨à¤²à¤¿à¤–ित में से किनà¥à¤¹à¥€à¤‚ तीन पà¥à¤°à¤¶à¥à¤¨à¥‹à¤‚ के उतà¥à¤¤à¤° छः या सात पंकà¥à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ में दीजिà¤
(क) “अशिकà¥à¤·à¤¿à¤¤ का हृदय' कहानी का कà¥à¤¯à¤¾ उदà¥à¤¦à¥‡à¤¶à¥à¤¯ है ?
Answer:
यह यह à¤à¤• संदेश या पूरà¥à¤£ कहानी है इस कहानी में à¤à¤• मनोहर के निशà¥à¤šà¤² सà¥à¤¨à¥‡à¤¹à¤¾ पूरà¥à¤£ हà¥à¤°à¤¦à¤¯ का चितà¥à¤° है l वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ का वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ के पà¥à¤°à¤¤à¤¿ अननà¥à¤¯ पà¥à¤°à¥‡à¤® तो अकà¥à¤¸à¤° सà¥à¤¨à¤¨à¥‡ को मिलता है लेकिन à¤à¤• पेड़ की पà¥à¤°à¥€à¤¤ पà¥à¤°à¥‡à¤® देखने को कम मिलता हैl इस कहानी में वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ हà¥à¤† हैl लेखक ने यह सà¥à¤ªà¤·à¥à¤Ÿ किया है कि जब मनà¥à¤·à¥à¤¯ के पास धन दौलत आदि तो वह मितà¥à¤°à¥‹à¤‚ की सहायता तो सीधे मà¥à¤‚ह बात नहीं करता
(ख) राजेनà¥à¤¦à¥à¤° बाबू की शारीरिक बनावट, वेशà¤à¥‚षा और सà¥à¤µà¤à¤¾à¤µ का वरà¥à¤£à¤¨ करें।
Answer:
राजेंदà¥à¤° बाबू के हाथ पैर शरीर विशेषता थी उनके छोटे कटे हà¥à¤ बाल, चौड़ा मà¥à¤–, चौड़ा माथा, बड़ी बड़ी आंखें, कà¥à¤› à¤à¤¾à¤°à¥€ गà¥à¤²à¤¾à¤ˆ ठà¥à¤¡à¥à¤¡à¥€, कà¥à¤› मोटे होंठ, के गेहà¥à¤† रंग, खादी की मोटी धोती कà¥à¤°à¥à¤¤à¤¾, काला बंद गले का कोट , साधारण मà¥à¤à¥‡ और जूते पहनते थेl उनका सà¥à¤µà¤à¤¾à¤µ शांत थाl वह सदा सादगी पसंद करते थे l उनका खान पीन साधारण थाl
(ग) जयदेव ने तसà¥à¤•रों को कैसे पकड़ा ?
Answer:
जावेद ने तसà¥à¤•रों को पकड़ने का पकà¥à¤•ा इरादा किया l जब वह आधी रात को चौकी से 2 मील दूर 1 खतरनाक ढाक के उबड़ खाबड़ रासà¥à¤¤à¥‡ से बॉरà¥à¤¡à¤° पार कर रहे थे तब उसने उनको चैलेंज किया l उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने बदले में गोलियां चलाईl उनको चà¥à¤¨à¥Œà¤¤à¥€ दी गईl तसà¥à¤•र जीप लेकर à¤à¤¾à¤—ने लगे किंतॠदो तीन जीपों ने उनका पीछा किया l जयदेव ने अपने अचूक निशाने से उनकी जीप का पहिया उड़ा दिया l जीप à¤à¤• खडà¥à¤¡à¥‡ में जा गिरीl तब उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ घेर कर पकड़ लिया l
(घ) जिस समय गà¥à¤°à¥ नानक देव जी का जनà¥à¤® हà¥à¤† उस समय à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ समाज की कà¥à¤¯à¤¾ सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ थी ?
Answer:
जिस समय को नानक देव जी जनà¥à¤® हà¥à¤† था उस समय à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ समाज में बà¥à¤°à¤¾à¤‡à¤¯à¥‹à¤‚ से गà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤ था l वह अनेक जातियों संपà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¯ और धरà¥à¤®à¥‹à¤‚ में बंटा हà¥à¤† था l लोग रूढ़ियों में फंसे हà¥à¤ थे l ` उनके विचार बहà¥à¤¤ ही संकीरà¥à¤£ थेl गà¥à¤¨à¤¾ करने योगà¥à¤¯ कारà¥à¤¯à¥‹à¤‚ में लगे रहते थेl धरà¥à¤® के नाम पर दिखावे का बोलबाला था l शासक वरà¥à¤— अतà¥à¤¯à¤¾à¤šà¤¾à¤°à¥€ था l दलितों पर बहà¥à¤¤ अतà¥à¤¯à¤¾à¤šà¤¾à¤° होते थे l
(ङ) सिसà¥à¤Ÿà¤° सà¥à¤¸à¤¾à¤¨ का चरितà¥à¤°-चितà¥à¤°à¤£ अपने शबà¥à¤¦à¥‹à¤‚ में लिखिà¤à¥¤
Answer:
सिसà¥à¤Ÿà¤° सà¥à¤¸à¤¾à¤¨ कहानी की दूसरी पà¥à¤°à¤®à¥à¤– पातà¥à¤° हैं l से जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ कहानी उसके इरà¥à¤¦-गिरà¥à¤¦ घूमती है l वह à¤à¤• नरà¥à¤¸ है l à¤à¤• नरà¥à¤¸ होने के सà¤à¥€ गà¥à¤£ उसमें है l बहà¥à¤¤ ही मेहनत तथा इमानदारी से करती है l सà¥à¤¸à¤¾à¤¨ सरल हृदय वाली नारी है l कहानीकार ने उसे सरल हृदय तथा विवेकशील नारी के रूप में चितà¥à¤°à¤¿à¤¤ किया है l उसके चरितà¥à¤° में सहजता है l वह हसà¥à¤ªà¤¤à¤¾à¤² के बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ का à¤à¤• मां के समान पà¥à¤¯à¤¾à¤° करती है l महेश को रोते देखकर उसकी पीड को समठकर मानोयथा को दूर करती है l वह बाल मनोविजà¥à¤žà¤¾à¤¨ को समà¤à¤¤à¥€ है l आंत : सà¥à¤¸à¤¾à¤¨ सही अरà¥à¤¥à¥‹à¤‚ में à¤à¤• ममतामई, सेवा à¤à¤¾à¤µ से यà¥à¤•à¥à¤¤ तथा परिपूरà¥à¤£ नारी है l वह ईमानदार है l
3. (i) ककà¥à¤·à¤¾ की समसà¥à¤¯à¤¾à¤“ं को हल करवाने के समà¥à¤¬à¤¨à¥à¤§ में अपने विदà¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ के पà¥à¤°à¤§à¤¾à¤¨à¤¾à¤šà¤¾à¤°à¥à¤¯ को पà¥à¤°à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤¨à¤¾ पतà¥à¤° लिखिà¤à¥¤
Answer:
सेवा में
पà¥à¤°à¤§à¤¾à¤¨à¤¾à¤šà¤¾à¤°à¥à¤¯
खालसा हाई सà¥à¤•ूल
फगवाड़ा l
दिनांक 26-12-18
विषय ; ककà¥à¤·à¤¾ की समसà¥à¤¯à¤¾à¤“ं के समाधानाथ पà¥à¤°à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤¨à¤¾ पतà¥à¤° l
मानà¥à¤¯à¤µà¤° महादेव,
निवेदन मां की मैं आपकी विदà¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ का दसवीं ककà¥à¤·à¤¾ का विदà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥à¤¥à¥€ हूं l इस समय में अपनी ककà¥à¤·à¤¾ का मॉनिटर हूं l आपका धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ à¤à¥€ à¤à¤• महतà¥à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤£ विषय की ओर दिलाना चाहता हूं l मैं विगत तीन महीनों से देख रहा हूं कि हमारी ककà¥à¤·à¤¾ के कमरे की हो बहà¥à¤¤ ही खसà¥à¤¤à¤¾ है l विशेषकर इसके दरवाजे और खिड़कियां टूटी हà¥à¤ˆ है l बरसात और सरà¥à¤¦à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ में à¤à¥€ यह कमरा विदà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ के लिठपढ़ाई योगà¥à¤¯ नहीं कहा जा सकता l के साथ ही थान सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ पà¥à¤²à¤¾à¤¸à¥à¤Ÿà¤° उखड़ा हà¥à¤† है l मेरी अपनी और अपनी ककà¥à¤·à¤¾ के सà¤à¥€ छातà¥à¤°à¥‹à¤‚ की ओर से करवद पà¥à¤°à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤¨à¤¾ है कि जलà¥à¤¦à¥€ कमरे के दरवाजे और खिड़कियां ठीक करवाई जाठl यदि मरमà¥à¤®à¤¤ होकर काम चल सके तो ठीक है नहीं तो नठदरवाजे और खिड़कियां लगवाई जाठl पà¥à¤²à¤¸ तवो खड़ा होने से सà¤à¥€ छातà¥à¤°à¥‹à¤‚ को असà¥à¤µà¤¿à¤§à¤¾ होती है l ठीक करवाया जाठl
अपना वनीत शिषà¥à¤¯
लखविंदर सिंह
अथवा
नगर निगम के सà¥à¤µà¤¾à¤¸à¥à¤¥à¥à¤¯ अधिकारी को पतà¥à¤° लिखकर उनसे अपने कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤°/मà¥à¤¹à¤²à¥à¤²à¥‡ की सफाई कराने के लिठपà¥à¤°à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤¨à¤¾-पतà¥à¤° लिखिà¤à¥¤
Answer:
507 बड़ा बाजार
अमृतसर
दिनांक 14 अगसà¥à¤¤ 20....
सेवा में
सà¥à¤µà¤¾à¤¸à¥à¤¥à¥à¤¯ अधिकारी
नगर निगम
अमृतसर
विषय : कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° की सफाई करने हेतॠपà¥à¤°à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤¨à¤¾ पतà¥à¤°
पà¥à¤°à¤¿à¤¯ महोदय
निवेदन है कि मैं बड़ा बाजार का निवासी हूं l यह नगर सफाई की से पूरी तरह से उपेकà¥à¤·à¤¿à¤¤ है l इसे देखकर कà¤à¥€ कà¤à¥€ à¤à¤¸à¤¾ लगता है जैसे यह नगर निगम के कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° से बाहर है l सफाई करà¥à¤®à¤šà¤¾à¤°à¥€ की नियà¥à¤•à¥à¤¤à¤¿ तो अवशà¥à¤¯ हà¥à¤ˆ है लेकिन वह कà¤à¥€ कà¤à¥€ à¤à¥€ दिखाई देता है l इधर उधर गंदगी के ढेर लगा कर चला जाता है l नालियों का à¤à¥€ ठीक पà¥à¤°à¤¬à¤‚ध नहीं है l पानी निचले सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ पर आकर रà¥à¤• जाता है l मचà¥à¤›à¤°à¥‹à¤‚ की जमघाट में नाक में दम कर रखा है l आप से निवेदन है कि आप à¤à¤• बार सà¥à¤µà¤¯à¤‚ नरà¥à¤• को आकर देख जाà¤à¤‚ l तà¤à¥€ आप हमारी कठिनाइयों का अनà¥à¤à¤µ करेंगे l बार पहले à¤à¥€ आपकी सेवा में कर चà¥à¤•े हैं l शिवा सà¥à¤ªà¤¾à¤ˆ सेवक को चेतावनी दे कि वह अपना काम इमानदारी से करें l आशा है कि आप मेरी पà¥à¤°à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤¨à¤¾ पर धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ देंगे और नगर की सफाई कर उचित पà¥à¤°à¤¬à¤‚ध करेंगे l
à¤à¤¾à¤µà¤¦à¥€à¤ª
सà¥à¤°à¥‡à¤‚दà¥à¤° पाल
(ii) निमà¥à¤¨à¤²à¤¿à¤–ित में से किसी à¤à¤• विषय पर 100-120 शबà¥à¤¦à¥‹à¤‚ में अनà¥à¤šà¥à¤›à¥‡à¤¦ लिखिà¤
मेरे जीवन का लकà¥à¤·à¥à¤¯, मेरी दिनचरà¥à¤¯à¤¾, जनसंचार के माधà¥à¤¯à¤®à¥¤
Answer:
मेरे जीवन का लकà¥à¤·à¥à¤¯
संसार में पà¥à¤°à¤¤à¥à¤¯à¥‡à¤• मनà¥à¤·à¥à¤¯ के जीवन का कोई ना कोई लकà¥à¤·à¥à¤¯ अवशà¥à¤¯ होता है l à¤à¤• मनà¥à¤·à¥à¤¯ तथा सामाजिक पà¥à¤°à¤¾à¤£à¥€ होने के नाते अपने जीवन का लकà¥à¤·à¥à¤¯ निरà¥à¤§à¤¾à¤°à¤¿à¤¤ कà¥à¤¯à¤¾ है l मैं बड़ा होकर आदरà¥à¤¶ अधà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤• बनना चाहता हूं और अधà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤• के रूप में मैं अपने करà¥à¤¤à¤µà¥à¤¯à¥‹à¤‚ को निà¤à¤¾à¤¤à¤¾ हà¥à¤† अपने राषà¥à¤Ÿà¥à¤° की सेवा करना चाहता हूं l मैं आदरà¥à¤¶ शिकà¥à¤·à¤• बन के अपने राषà¥à¤Ÿà¥à¤° की à¤à¤¾à¤µà¥€ पीढ़ी बौदà¥à¤§à¤¿à¤• सà¥à¤¤à¤° को उचà¥à¤š सà¥à¤¤à¤° पर पहà¥à¤‚चना चाहता हूं l मेरे देश की यà¥à¤µà¤¾ पीढ़ी कौशल, करà¥à¤® निषà¥à¤ ा बन सके और मेरा देश फिर से शिकà¥à¤·à¤¾ का सिरमौर बन सके l फिर से हम विशà¥à¤µ गà¥à¤°à¥ की उपाधि को गà¥à¤°à¤¹à¤£ कर सके l विदà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥à¤¥à¥€ होने के कारण मैं à¤à¤²à¥€à¤à¤¾à¤‚ति जानता हूं कि किसी अधà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤• का विदà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ पर कौसा पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µ पड़ता है l कोई अचà¥à¤›à¤¾ अधà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤• उनको अचà¥à¤›à¥€ दिशा दे सकता है l मैं à¤à¥€ à¤à¤¸à¤¾ कर कि देश की यà¥à¤µà¤¾ वरà¥à¤— को नई दिशा देना चाहता हूं l
मेरी दिनचरà¥à¤¯à¤¾
पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¦à¤¿à¤¨ किठजाने वाले कारà¥à¤¯à¥‹à¤‚ को दिनचरà¥à¤¯à¤¾ चाहते हैं l मैं पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¦à¤¿à¤¨ सà¥à¤¬à¤¹ 5:00 बजे उठता हूं l शरीर को सà¥à¤µà¤¸à¥à¤¥ रखने के लिठसबसे अचà¥à¤›à¤¾ वà¥à¤¯à¤¾à¤¯à¤¾à¤® है l वà¥à¤¯à¤¾à¤¯à¤¾à¤® सबसे सरल सरल और लाà¤à¤¦à¤¾à¤¯à¤• वà¥à¤¯à¤¾à¤¯à¤¾à¤® पà¥à¤°à¤¾à¤¤ ; à¤à¤¾à¤®à¤£ ही है l इसीलिठमैं पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¦à¤¿à¤¨ à¤à¤¾à¤®à¤£ के लिठजाता हूं l पà¥à¤°à¤¾à¤¤à¤•ाल à¤à¤¾à¤®à¤£ के अनेक लाठहै l इससे हमारा सà¥à¤µà¤¾à¤¸à¥à¤¥à¥à¤¯ उतà¥à¤¤à¤® होता है l इसके बाद कà¥à¤› योगासन करता हूं l मैंने अपनी दिनचरà¥à¤¯à¤¾ बड़े कà¥à¤°à¤®à¤¬à¤¦à¥à¤§ तरीके से बनाई हà¥à¤ˆ हैl योगासन के बाद सà¥à¤¨à¤¾à¤¨ आदि कर कर नाशà¥à¤¤à¤¾ करता हूं l फिर अपना बसà¥à¤¤à¤¾ तैयार करके सà¥à¤•ूल के लिठसाइकिल पर निकल जाता हूं l दोपहर 2:00 बजे तक विदà¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ में पढ़ाई करने के बाद घर आकर à¤à¥‹à¤œà¤¨ करता हूं l शाम को दोसà¥à¤¤à¥‹à¤‚ के साथ खेलने के लिठपारà¥à¤• में जाता हूं l वहां हम सà¤à¥€ दोसà¥à¤¤ मिलकर खेलते हैं l इसके बाद घर आकर अपना पढ़ाई का काम करता हूं l फिर कà¥à¤› देर डीवीबी देखता l इतने मां रात का खाना लगा देती है l रात का à¤à¥‹à¤œà¤¨ करने के बाद मैं बिसà¥à¤¤à¤° में जाकर सो जाता हूं l
जनसंचार के माधà¥à¤¯à¤®
वरà¥à¤¤à¤®à¤¾à¤¨ यà¥à¤— जà¥à¤žà¤¾à¤¨ का यà¥à¤— है l आज के यà¥à¤— में जनसंचार के कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° में कà¥à¤°à¤¾à¤‚ति सी आ गई हैl आज पहले की अपेकà¥à¤·à¤¾ जन संचार के आधà¥à¤¨à¤¿à¤• à¤à¤µà¤‚ अनेक साधन है जिससे हम दूसरों अपनी बात को आसानी से पहà¥à¤‚चा सकते हैं l अब तो जनसंचार के लिठमोबाइल फोन हर वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ की जेब में सदा विदà¥à¤¯à¤®à¤¾à¤¨ रहता है l जिससे आप देश-विदेश कहीं à¤à¥€ बात कर सकते हैं संदेश पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ कर सकते हैं या उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ कहीं à¤à¥€ à¤à¥‡à¤œ सकते हैं l इंटरनेट सà¥à¤µà¤¿à¤§à¤¾ ने तो पूरे संसार को à¤à¤• गांव में बदल के रख दिया है l पतà¥à¤°, पतà¥à¤°à¤¿à¤•ाà¤à¤‚, रेडियो, टेलीविजन, मोबाइल, टेलिफोन, इंटरनेट, आदि जन संचार के विà¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ माधà¥à¤¯à¤® है l जनसंचार के माधà¥à¤¯à¤® को अनेक वरà¥à¤—ों के बांट सकते हैं l मौखिक और लिखितl इन सà¤à¥€ माधà¥à¤¯à¤® की शिकà¥à¤·à¤¾, वà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤¾à¤°, वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾, मनोरंजन, आदि विषयों में अनà¥à¤œ योगदान है l
4.निमà¥à¤¨à¤²à¤¿à¤–ित गदà¥à¤¯à¤¾à¤‚श को पढ़कर नीचे दिठगठपà¥à¤°à¤¶à¥à¤¨à¥‹à¤‚ के उतà¥à¤¤à¤° लिखें
सà¥à¤µà¤¤à¤¨à¥à¤¤à¥à¤° à¤à¤¾à¤°à¤¤ का समà¥à¤ªà¥‚रà¥à¤£ दायितà¥à¤µ आज विदà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ के ऊपर है, कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि आज जो विदà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥à¤¥à¥€ हैं, वे कल सà¥à¤µà¤¤à¤¨à¥à¤¤à¥à¤° à¤à¤¾à¤°à¤¤ के नागरिक होंगे। à¤à¤¾à¤°à¤¤ की उनà¥à¤¨à¤¤à¤¿ और उसका उतà¥à¤¥à¤¾à¤¨ उनà¥à¤¹à¥€à¤‚ की उनà¥à¤¨à¤¤à¤¿ और उतà¥à¤¥à¤¾à¤¨ पर निरà¥à¤à¤° करता है। अतः विदà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ को चाहिठकि वे अपने à¤à¤¾à¤µà¥€ जीवन का निरà¥à¤®à¤¾à¤£ बड़ी सतरà¥à¤•ता और सावधानी के साथ करें। उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ पà¥à¤°à¤¤à¥à¤¯à¥‡à¤• कà¥à¤·à¤£ अपने राषà¥à¤Ÿà¥à¤°, अपने धरà¥à¤® और अपनी संसà¥à¤•ृति को अपनी आà¤à¤–ों के सामने रखना चाहिà¤, ताकि उनके जीवन से राषà¥à¤Ÿà¥à¤° को कà¥à¤› बल पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ हो सके। जो विदà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥à¤¥à¥€ राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ दृषà¥à¤Ÿà¤¿à¤•ोण से अपने जीवन का निरà¥à¤®à¤¾à¤£ नहीं करते, वे राषà¥à¤Ÿà¥à¤° और समाज के लिये à¤à¤¾à¤° सà¥à¤µà¤°à¥‚प हैं।
(क) विदà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ को पà¥à¤°à¤¤à¥à¤¯à¥‡à¤• कà¥à¤·à¤£ किसको अपनी आà¤à¤–ों के सामने रखना चाहिठ?
Answer:
विदà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ को पà¥à¤°à¤¤à¥à¤¯à¥‡à¤• कà¥à¤·à¤£ अपने राषà¥à¤Ÿà¥à¤°, अपने धरà¥à¤® और अपनी संसà¥à¤•ृति को अपनी आà¤à¤–ों के सामने रखना चाहिà¤
(ख) à¤à¤¾à¤µà¥€ à¤à¤¾à¤°à¤¤ के नागरिक कौन हैं ?
Answer:
आज के विदà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥à¤¥à¥€ à¤à¤¾à¤µà¥€ à¤à¤¾à¤°à¤¤ के नागरिक हैं l
(ग) हमारे राषà¥à¤Ÿà¥à¤° और समाज पर à¤à¤¾à¤°-सà¥à¤µà¤°à¥‚प कौन हैं ?
Answer:
जो विदà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥à¤¥à¥€ राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ दृषà¥à¤Ÿà¤¿à¤•ोण से अपने जीवन का निरà¥à¤®à¤¾à¤£ नहीं करते, वे राषà¥à¤Ÿà¥à¤° और समाज के लिये à¤à¤¾à¤° सà¥à¤µà¤°à¥‚प हैं।
(घ) 'निरà¥à¤®à¤¾à¤£' और 'दायितà¥à¤µ' शबà¥à¤¦à¥‹à¤‚ के अरà¥à¤¥ लिखें।
Answer:
निरà¥à¤®à¤¾à¤£-रचना
'दायितà¥à¤µ-ज़िमà¥à¤®à¥‡à¤¦à¤¾à¤°à¥€
(ङ) उचित शीरà¥à¤·à¤• लिखें।
Answer:
आज के विदà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥à¤¥à¥€ कल के नागरिक
5. (i) किनà¥à¤¹à¥€à¤‚ तीन मà¥à¤¹à¤¾à¤µà¤°à¥‹à¤‚/लोकोकà¥à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ को वाकà¥à¤¯à¥‹à¤‚ में इस पà¥à¤°à¤•ार पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤— करें कि उनको अरà¥à¤¥ सà¥à¤ªà¤·à¥à¤Ÿ हो जाठ:
अंग-अंग ढीला होना, आà¤à¤–ें चà¥à¤°à¤¾à¤¨à¤¾, काला अकà¥à¤·à¤° à¤à¥ˆà¤‚स बराबर, à¤à¤• पंथ दो काज, à¤à¤• तनà¥à¤¦à¥à¤°à¥à¤¸à¥à¤¤à¥€ हज़ार नियामत।
Answer:
अंग-अंग ढीला होना:-(थक जाना) दिन à¤à¤° मेहनत करके अंग अंग ढीला हो गया है
आà¤à¤–ें चà¥à¤°à¤¾à¤¨à¤¾:-( नजर बजाना) राम गलत काम करके सà¤à¥€ से आंख चà¥à¤°à¤¾ रहा है
काला अकà¥à¤·à¤° à¤à¥ˆà¤‚स बराबर:-( निरशर)उसको पतà¥à¤° बनवाने का कोई फायदा नहीं कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि उसके लिठतो काला अकà¥à¤·à¤° à¤à¥ˆà¤‚स बराबर है
à¤à¤• पंथ दो काज:-( à¤à¤• आतà¥à¤® के दो कारà¥à¤¯ होने) पà¥à¤°à¤•ाश असà¥à¤ªà¤¤à¤¾à¤² में अपना चेकअप कराने गई थी लेकिन लौटते हà¥à¤ पल सबà¥à¤œà¥€ à¤à¥€ ले कि इसी पà¥à¤°à¤•ार à¤à¤• पंथ दो काज हो गठl
क तनà¥à¤¦à¥à¤°à¥à¤¸à¥à¤¤à¥€ हज़ार नियामत:-(सेहत सबसे बड़ी नियामत है) सारा दिन à¤à¤° दे रे कà¥à¤› नहीं होता खाने-पीने का à¤à¥€ धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ रखना चाहिठकà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि तंदà¥à¤°à¥à¤¸à¥à¤¤à¥€ हजार निरà¥à¤®à¤¿à¤¤ होती है सेहत ठीक रहेगी तो पढ़ाई à¤à¥€ हो सकेगीl
(ii) निमà¥à¤¨à¤²à¤¿à¤–ित गदà¥à¤¯à¤¾à¤‚श का हिनà¥à¤¦à¥€ में अनà¥à¤µà¤¾à¤¦ करें :
ਰੰਗ-ਬਿਰੰਗੇ ਸà©à©°à¨¦à¨° ਫਲਾਂ ਵਾਲਾ ਇਹ ਗà©à¨²à¨¦à¨¸à¨¤à¨¾ ਤਾਂ ਮੈਂ ਖà©à¨¸à¨¼à©€ ਨਾਲ ਲੈ ਰਹੀ ਹਾਂ ਬਾਕੀ ਇਹ ਗਿਫਟ ਕਿਸੀ ਇਹੋ ਜਿਹੀ ਔਰਤ ਨੂੰ ਦੇ ਦੇਣਾ ਜਿਸਦਾ ਕੋਈ ਬਬਲੂ ਹੋਠ। ਮੇਰਾ ਤਾਂ ਕੋਈ ਬਬਲੂ ਹੈ ਹੀ ਨਹੀਂ। ਮੈਂ ਤਾਂ ਮੈਂ ਤਾ ਹਾਲੇ ਤੱਕ ਸ਼ਾਦੀ ਹੀ ਨਹੀਂ ਕੀਤੀ l
Answer:
रंग बिरंगे सà¥à¤‚दर फूल वाला यह गà¥à¤²à¤¦à¤¸à¥à¤¤à¤¾ तो मैं खà¥à¤¶à¥€ से ले रही हूं बलà¥à¤•ि यह तोहफा किसी à¤à¤¸à¥€ औरत को दे देना जिनका कोई बबलॠहो मेरा तो कोई बबलू नहीं है l मैंने तो अà¤à¥€ शादी नहीं की ,
(iii) सरकारी सीनियर सेकेंडरी सà¥à¤•ूल, लà¥à¤§à¤¿à¤¯à¤¾à¤¨à¤¾ के पà¥à¤°à¤¿à¤‚सिपल की ओर से सूचना-पट के लिये à¤à¤• सूचना तैयार करें जिसमें वरà¥à¤¦à¥€ न पहनकर आने वाले विदà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ को अनà¥à¤¶à¤¾à¤¸à¤¨à¤¿à¤• कारà¥à¤¯à¤µà¤¾à¤¹à¥€ के लिठकहा गया हो।
Answer:
सà¤à¥€ विदà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ को सूचित किया जाता है कि वह सà¤à¥€ नियमित रूप से पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¦à¤¿à¤¨ विदà¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ में वरà¥à¤¦à¥€ पहन के आठl वरà¥à¤¦à¥€ ना पहन कर आने वाले विदà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥à¤¥à¥€ और अनà¥à¤¶à¤¾à¤¸à¤¨ कारà¥à¤¯à¤µà¤¾à¤¹à¥€ की जाà¤à¤—ी जो l विदà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥à¤¥à¥€ अà¤à¥€ तक कारण से अपनी वरà¥à¤¦à¥€ नहीं ले पाठवह उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ 3 दिन का मैं दिया जा रहा है l
अथवा
आपका नाम सोनिया शरà¥à¤®à¤¾ है। आपको घर के कामकाज के लिठà¤à¤• नौकरानी की आवशà¥à¤¯à¤•ता है। आपका फोन नमà¥à¤¬à¤° 9988990380 है। वरà¥à¤—ीकृत विजà¥à¤žà¤¾à¤ªà¤¨ के अनà¥à¤¤à¤°à¥à¤—त नौकरानी की आवशà¥à¤¯à¤•ता है' का पà¥à¤°à¤¾à¤°à¥‚प तैयार करके लिखिà¤à¥¤
Answer:
घर का कामकाज के लिठà¤à¤• अनà¥à¤à¤µà¥€ नौकरानी की आवशà¥à¤¯à¤•ता है l अचà¥à¤›à¤¾ वेतन, रहने के लिठकमरा आदि दिया जाà¤à¤—ा संपरà¥à¤• करो:- सोनिया शरà¥à¤®à¤¾ मोबाइल नंबर: - 9988990380
(iv) मान लीजिठआपका नाम तमनà¥à¤¨à¤¾ है। आपका मà¥à¤–à¥à¤¯ डाकघर, अमृतसर में बचत खाता नं. 764329 है। आपके इस खाते में 4,500/- रà¥à¤ªà¤¯à¥‡ हैं। आपको इस खाते में 1,500/- रà¥à¤ªà¤¯à¥‡ जमा करवाने हैं। इसलिठनीचे दिये गठपà¥à¤°à¤ªà¤¤à¥à¤° के पà¥à¤°à¤¾à¤°à¥‚प को अपनी उतà¥à¤¤à¤° पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤¿à¤•ा पर उतार कर à¤à¤°à¥‡à¤‚
डाकघर बचत बैंक ……………………………………………………………………….… डाकघर का नाम
खाता संखà¥à¤¯à¤¾……………………………………………….……………….दिनांक……..............................
नाम………………………………..………..……………………रà¥à¤ªà¤¯à¥‡ (शबà¥à¤¦à¥‹à¤‚ में)....................................………………………………………………………………………………………………………………..
जमा के पशà¥à¤šà¤¾à¤¤ बकाया ………………………………………………………………………………………....
जमाकरà¥à¤¤à¤¾ के हसà¥à¤¤à¤¾à¤•à¥à¤·à¤° ...........................................................................................................................
Answer:
डाकघर बचत बैंक 764329 अमृतसर डाकघर का नाम
खाता संखà¥à¤¯à¤¾ 764329.दिनांक 6 मई 2017
नाम तमनà¥à¤¨à¤¾ रà¥à¤ªà¤¯à¥‡ (शबà¥à¤¦à¥‹à¤‚ में) 1,500/-
जमा के पशà¥à¤šà¤¾à¤¤ बकाया 6000/-
जमाकरà¥à¤¤à¤¾ के हसà¥à¤¤à¤¾à¤•à¥à¤·à¤° तमनà¥à¤¨à¤¾
अथवा
विदà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ को बैंक में खाता खà¥à¤²à¤µà¤¾à¤¨à¥‡ के लिठकिन-किन दसà¥à¤¤à¤¾à¤µà¥‡à¤œà¥‹à¤‚ की आवशà¥à¤¯à¤•ता होती है ?
Answer:
बैंक में खाता खोलने के लिठकà¥à¤› पà¥à¤°à¤®à¤¾à¤£ पतà¥à¤°à¥‹à¤‚ की आवशà¥à¤¯à¤•ता होती है जो निमà¥à¤¨à¤²à¤¿à¤–ित हैं:-
1 आवासीय पता का पà¥à¤°à¤®à¤¾à¤£ पतà¥à¤° जैसे राशन कारà¥à¤¡, आधार कारà¥à¤¡, डà¥à¤°à¤¾à¤‡à¤µà¤¿à¤‚ग लाइसेंस, पासपोरà¥à¤Ÿ, नागरिक का पà¥à¤°à¤®à¤¾à¤£ पतà¥à¤°, आदि
2 फोटो
3 पैनकारà¥à¤¡ की पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤²à¤¿à¤ªà¤¿
4 जैसे बैंक में खाता खà¥à¤²à¤µà¤¾à¤¨à¤¾ है वहां के किसी खाता दारी से गवाही l
5 बैंक में खाता खोलने वाले का बैंक में अपने नमूना हसà¥à¤¤à¤¾à¤•à¥à¤·à¤° à¤à¥€ देने पड़ते हैं
Question paper 3
1. निरà¥à¤¦à¥‡à¤¶à¤¾à¤¨à¥à¤¸à¤¾à¤° उतà¥à¤¤à¤° दीजिठ:
(क) किसी à¤à¤• शबà¥à¤¦ का सनà¥à¤§à¤¿-विचà¥à¤›à¥‡à¤¦ कीजिà¤à¥¤
परमातà¥à¤®à¤¾, संगीताचारà¥à¤¯à¥¤
Answer:
परमातà¥à¤®à¤¾ - पालम + आतà¥à¤®à¤¾
संगीताचारà¥à¤¯ - संगीत + आचारà¥à¤¯
(ख) किसी à¤à¤• विगà¥à¤°à¤¹ पद को समसà¥à¤¤ पद में बदलिà¤
गंगा में सà¥à¤¨à¤¾à¤¨, रसोई के लिठघर।
Answer:
गंगा में सà¥à¤¨à¤¾à¤¨ - गंगासà¥à¤¨à¤¾à¤¨
रसोईघर - रसोई के लिठघर
(ग) किसी à¤à¤• शबà¥à¤¦ की à¤à¤¾à¤µà¤µà¤¾à¤šà¤• संजà¥à¤žà¤¾ बनाà¤à¤
बà¥à¤°à¤¾, शांत ।
Answer:
बà¥à¤°à¤¾ -बà¥à¤°à¤¾à¤ˆ
शांत - शांति
(घ) किसी à¤à¤• शबà¥à¤¦ का विशेषण शबà¥à¤¦ बनाà¤à¤
वà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤¾à¤°, हित।
Answer:
वà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤¾à¤° - वà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤¾à¤°à¤¿à¤•
हित - हितैशी
(ङ) किसी à¤à¤• शबà¥à¤¦ के दो-दो परà¥à¤¯à¤¾à¤¯à¤µà¤¾à¤šà¥€ शबà¥à¤¦ लिखें
पतà¥à¤¨à¥€, उतà¥à¤¸à¤µà¥¤
Answer:
पतà¥à¤¨à¥€ - धरà¥à¤®à¤ªà¤¤à¥à¤¨à¥€, दारा
उतà¥à¤¸à¤µ - तà¥à¤¯à¥‹à¤¹à¤¾à¤°, परà¥à¤µ
(च) किसी à¤à¤• समरूपी मिनà¥à¤¨à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤• शबà¥à¤¦-यà¥à¤—à¥à¤® का पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤— वाकà¥à¤¯ में करके अरà¥à¤¥ सà¥à¤ªà¤·à¥à¤Ÿ करें
सूखी-सà¥à¤–ी, सास-साà¤à¤¸à¥¤
Answer:
सूखी - (सूखा हà¥à¤†) यह दृषà¥à¤Ÿà¤¿ शाल सà¥à¤–ी है
सà¥à¤–ी - (खà¥à¤¶) वह अपने घर में सà¥à¤–ी है
सास - (पति की मां) रीना की सास बहà¥à¤¤ सà¥à¤‚दर है
साà¤à¤¸ - (वायà¥) जिंदा रहने के लिठसांस जरूरी है
(छ) किसी à¤à¤• वाकà¥à¤¯à¤¾à¤‚श के लिठà¤à¤• शबà¥à¤¦ लिखिà¤
गाà¤à¤µ में रहने वाला, कृषि करà¥à¤® करने वाला।
Answer:
गाà¤à¤µ में रहने वाला - गà¥à¤°à¤¾à¤®à¥€à¤£
कृषि करà¥à¤® करने वाला - कृषक
(ज) किसी à¤à¤• शबà¥à¤¦ का विलोम शबà¥à¤¦ लिखिà¤
विधवा, सà¥à¤µà¤¸à¥à¤¥ ।
Answer:
विधवा - सधवा
सà¥à¤µà¤¸à¥à¤¥ - आसà¥à¤µà¤¸à¥à¤¥
(à¤) किसी à¤à¤• शबà¥à¤¦ के अनेकारà¥à¤¥à¤• शबà¥à¤¦ लिखिà¤
चकà¥à¤°, काल।।
Answer:
चकà¥à¤° - पहिया, चकà¥à¤•ी
काल - समय, अंत
(अ) किसी à¤à¤• अशà¥à¤¦à¥à¤§ वाकà¥à¤¯ को शà¥à¤¦à¥à¤§ करके लिखिà¤
(1) उसने यह काम करा (ii) महातà¥à¤®à¤¾ लोग पधारे हैं।
Answer:
(i) उसने यह काम करा
उसने यह काम किया l
(ii) महातà¥à¤®à¤¾ लोग पधारे हैं।
महातà¥à¤®à¤¾ पधारे हैं
(i) निमà¥à¤¨à¤²à¤¿à¤–ित पà¥à¤°à¤¶à¥à¤¨à¥‹à¤‚ के उतà¥à¤¤à¤° à¤à¤• या दो पंकà¥à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ में दीजिà¤
(क) तà¥à¤²à¤¸à¥€à¤¦à¤¾à¤¸ के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° à¤à¤µ सागर को कैसे पार किया जा सकता है ?
Answer:
तà¥à¤²à¤¸à¥€à¤¦à¤¾à¤¸ के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° राम ने सà¥à¤¨à¥‡à¤¹à¤¾ सांसारिक पà¥à¤°à¤¾à¤£à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ से समता तथा राग, दोष, दà¥:ख था l तà¥à¤¯à¤¾à¤— करने से à¤à¤µà¤¸à¤¾à¤—र को पार किया जा सकता है l
(ख) लहरें किस उमंग में आगे बढ़ती जाती हैं ?
Answer:
लहरें इस उमंग से आगे बढ़ती है कि कà¤à¥€ ना कà¤à¥€ उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ अपनी मंजिल मिल ही जाà¤à¤—ी l
(ग) विदेश में चितà¥à¤°à¤¾ के किस चितà¥à¤° ने धूम मचायी थी ?
Answer:
विदेश में à¤à¥€à¤– मांगी और दो अनाथ बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ के चितà¥à¤° में खूब धूम मचाई l
(घ) सà¥à¤®à¤¿à¤¤à¥à¤°à¤¾ के पà¥à¤¤à¥à¤° का नाम बताइà¤à¥¤
Answer:
सà¥à¤®à¤¿à¤¤à¥à¤°à¤¾ के पà¥à¤¤à¥à¤° का नाम जयदेव था
(ङ) शलà¥à¤¯ कौन था ?
Answer:
शलà¥à¤¯ महाबल का सारथ था l
(ii) निमà¥à¤¨à¤²à¤¿à¤–ित पदà¥à¤¯à¤¾à¤‚श में से किसी à¤à¤• पदà¥à¤¯à¤¾à¤‚श की सपà¥à¤°à¤¸à¤‚ग वà¥à¤¯à¤¾à¤–à¥à¤¯à¤¾ कीजिà¤
(क) करत करत अà¤à¥à¤¯à¤¾à¤¸ के, जड़मति होत सà¥à¤œà¤¾à¤¨à¥¤
रसरी आवत जात ते, सिल पर परत निसान।।।
फेर न है है कपट सों, जो कीजै वà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤¾à¤°à¥¤à¥¤
जैसे हाà¤à¤¡à¥€ काठकी, चढ़े न दूजी बार।।
Answer:
करत करत.......................................................................... चढ़े न दूजी बार।।
पà¥à¤°à¤¸à¤‚ग : पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¥à¤¤ दोहा वृंद दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ रचित ' नीति के दोहे' से लिया गया है l इसमे कवि ने कहा है छल कपट का वà¥à¤¯à¤µà¤¹à¤¾à¤° बार-बार नहीं चलता है l
वà¥à¤¯à¤¾à¤–à¥à¤¯à¤¾ : कवि कहता है कि बार बार अà¤à¥à¤¯à¤¾à¤¸ करने से मà¥à¤– वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ à¤à¥€ विदà¥à¤µà¤¾à¤¨ बन सकता है l जैसे बार-बार रसà¥à¤¸à¥€ के घिसने से पतà¥à¤¥à¤° पर निशान पड़ जाते हैं l यदि कोई वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ छल कपट और चालाकी से अपना कारà¥à¤¯ करता है तो उसकी चालाकी à¤à¤• बार तो चल जाती है परंतॠबार बार नहीं चलती l जैसे काठकी हांडी à¤à¤• बार तो चढ़ जाती है परंतॠदोबारा नहीं चढ़ सकती l

(ख) करके मीन मेख सब ओर,
किया करें बà¥à¤§ बाद कठोर,
शाखामयी बà¥à¤¦à¥à¤§à¤¿ तजकर वे मूल धरà¥à¤® धरते हैं।
हम राजà¥à¤¯ के लिठमरते हैं।
Answer:
करके ,....................................................................................लिठमरते हैं।
पà¥à¤°à¤¸à¤‚ग : पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¥à¤¤ पंकà¥à¤¤à¤¿à¤¯à¤¾à¤‚ मैथिलीशरण गà¥à¤ªà¥à¤¤ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ रचित कविता हम राजà¥à¤¯ लिठमरते हैं से ली गई है l जिसमें उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने राजà¥à¤¯ के लिठवà¥à¤¯à¤°à¥à¤¥ की लड़ाई à¤à¤—ड़े के बारे में बताया है l
वà¥à¤¯à¤¾à¤–à¥à¤¯à¤¾ : उरà¥à¤®à¤¿à¤²à¤¾ कहती है कि विधान लोग हर बाद में दोसà¥à¤¤ निकालकर वà¥à¤¯à¤°à¥à¤¥ में बहस करते रहते हैं l चाहे उस कà¥à¤› पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ हो या ना हो परंतॠके साथ इन वà¥à¤¯à¤°à¥à¤¥ की बातों को कà¥à¤¯à¤¾ कर शायद धरà¥à¤® को अपनाते हैं वह चकà¥à¤•र में ना पड़े राम के वासà¥à¤¤à¤µà¤¿à¤• सà¥à¤µà¤°à¥‚प को सहज रूप से अपनाते हैं जबकि हम राजà¥à¤¯ के लिठआपस में ही लड़ते मरते रहते हैं l
(iii) निमà¥à¤¨à¤²à¤¿à¤–ित पà¥à¤°à¤¶à¥à¤¨à¥‹à¤‚ के उतà¥à¤¤à¤° तीन या चार पंकà¥à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ में दीजिà¤
(क) पà¥à¤°à¤¦à¤°à¥à¤¶à¤¨à¥€ में अरà¥à¤£à¤¾ के साथ कौन से बचà¥à¤šà¥‡ थे ?
Answer:
पà¥à¤°à¤¦à¤°à¥à¤¶à¤¨à¥€ में अरà¥à¤£à¤¾ के साथ में दो बचà¥à¤šà¥‡ थे जो à¤à¥€à¤–ारिन के मरने के बाद à¤à¥€ सहारा रह गठथे l अरà¥à¤£à¤¾ मैं उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ पाला पोसा था l अब वह मां की तरह उन दोनों की देखà¤à¤¾à¤² करती थी l
(ख) जयदेव इनाम में मिलने वाली राशि के विषय में कà¥à¤¯à¤¾ घोषणा करवाना चाहता है ?
Answer:
जयदेव इनाम से मिलने वाली राशि के विषय में यह घोषणा करवाना चाहता है l मैं चाहता था कि उसका इनाम राशि शहीद हà¥à¤ अफसरों विधवाओं को आधा आधा बांट दिया जाठl
(ग) तावीज़ किस लिये बनवाठगठथे?
Answer:
à¤à¥à¤°à¤·à¥à¤Ÿà¤¾à¤šà¤¾à¤° को मिटाकर वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ में परिवरà¥à¤¤à¤¨ लाने के लिठराजा ने तवीज बनवाठथे l नेपालियों के कहने राजा सदाचारी ताबीर वाले साधॠसे ताबीज à¤à¤¾à¤— कर अपने करà¥à¤®à¤šà¤¾à¤°à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ की à¤à¥à¤œà¤¾à¤“ं पर बनवाता है l जिससे वह सदाचारी बन जाठकà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि साधॠने बताया था कि जिस आदमी की à¤à¥à¤œà¤¾ पर यह बांदा होगा बे सदाचारी बन जाà¤à¤—ा l
(iv) निमà¥à¤¨à¤²à¤¿à¤–ित में से किनà¥à¤¹à¥€à¤‚ तीन पà¥à¤°à¤¶à¥à¤¨à¥‹à¤‚ के उतà¥à¤¤à¤° छः या सात पंकà¥à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ में दीजिà¤
(क) “ममता' कहानी से आपको कà¥à¤¯à¤¾ शिकà¥à¤·à¤¾ मिलती है ?
Answer:
ममता कहानी à¤à¤• à¤à¤¤à¤¿à¤¹à¤¾à¤¸à¤¿à¤• कहानी है इस कहानी दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ लेखक ने लेखक ने नारी के आदरà¥à¤¶, करà¥à¤¤à¤µà¥à¤¯ पालन, तà¥à¤¯à¤¾à¤—, तपसà¥à¤µà¥€ जीवन, जीने जैसे गà¥à¤£à¥‹à¤‚ को अपनाने की शिकà¥à¤·à¤¾ दी है l उनके अनà¥à¤¸à¤¾à¤° इतिहास बनाने में केवल राजा हाथ नहीं होता बलà¥à¤•ि à¤à¤• आदमी का à¤à¥€ हाथ होता है l अतिथि देवो à¤à¤µ : की à¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾ सौंदरà¥à¤¯ अपने मन में ही रखनी चाहिठl कहानी में ममता के संबंधों से लेखक ने रिशà¥à¤µà¤¤ लेना तथा देश से गहराई को अनà¥à¤šà¥à¤›à¥‡à¤¦ बताया है यह कहानी हमें à¤à¤• आदरà¥à¤¶ वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿, देशà¤à¤•à¥à¤¤, समाज सेवक आदि बनाने की शिकà¥à¤·à¤¾ देती है
(ख) लेखक को 'ठेले पर हिमालय' शीरà¥à¤·à¤• कैसे सूà¤à¤¾ ?
Answer:
लेखक अपने मितà¥à¤°à¥‹à¤‚ के साथ हम दरà¥à¤¶à¤¨ के लिठअलà¥à¤®à¥‹à¤¡à¤¼à¤¾ यातà¥à¤°à¤¾ पर गठl लेखक अपने अलà¥à¤®à¥‹à¤¡à¤¼à¤¾ वासी मितà¥à¤° के साथ à¤à¤• पान की दà¥à¤•ान पर खड़ा था कि तà¤à¥€ ठेले पर बरà¥à¤« की सिलà¥à¤²à¥€ लगे हà¥à¤ बरà¥à¤« वाला आया l उस ठंडी चिकनी और चमकती वरà¥à¤— से बाप उड़ रही थी रही थी l लेखक कà¥à¤·à¤£à¤à¤° उसे देखता रहा और उड़ती बात में खोया सा रहा l उसे à¤à¤¸à¤¾ अनà¥à¤à¤µ हो गया था कि यह बरà¥à¤« तो हिमालया शोà¤à¤¾ है l किसी शोà¤à¤¾ को देखने लेखक मितà¥à¤°à¥‹à¤‚ के साथ कौसानी गया था l इसके बाद में सोमेशà¥à¤µà¤° गाड़ी पहà¥à¤‚चे तो सà¥à¤‚दर और मखमली थी l कांटे को पार कर लेखक ने बादलों के बीच परà¥à¤µà¤¤à¤°à¤¾à¤œ हिमालय के दरà¥à¤¶à¤¨ किठl इसे बादलों ने ढक रखा था l बादलों की खिड़की से à¤à¤• मितà¥à¤° ने परà¥à¤µà¤¤ बरà¥à¤« को देखा l कà¥à¤·à¤£à¤à¤° के दरà¥à¤¶à¤¨ से सबकी खींनà¥à¤¨à¤¤à¤¾ , निराश, थकावट, नषà¥à¤Ÿ हो गई l
(ग) डी.सी. को अपने मितà¥à¤° जयदेव और उसके परिवार पर गरà¥à¤µ कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ होता ?
Answer:
डी.सी. को अपने मितà¥à¤° जयदेव और उसके परिवार पर गरà¥à¤µ इसलिठहोता है कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि जयदेव बड़ी वीरता और सहसा से तसà¥à¤•रों का मà¥à¤•ाबला कर उनसे 5 लाख का सोना पकड़ पकड़ा जिससे उसे गवरà¥à¤¨à¤° की तरफ से 10 हजार का इनाम दिया गया l इस राशि को जय देव ने पà¥à¤²à¤¿à¤¸ अफसरों की विधवाओं को बराबर देने की बात की जयदेव ने यह तà¥à¤¯à¤¾à¤— à¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾ अनà¥à¤¯ अफसरों की अनà¥à¤•रणीय थी l
(घ) 'सदाचार का तावीज़' पाठमें छिपे वà¥à¤¯à¤‚गà¥à¤¯ को सà¥à¤ªà¤·à¥à¤Ÿ कीजिà¤à¥¤
Answer:
'सदाचार का तसà¥à¤µà¥€à¤°' पाठमूल रूप से à¤à¤•` पारंपरिक रचना है l रचना के माधà¥à¤¯à¤® से लेखक परसाई कहना चाहते हैं कि केवल वासियों, कारà¥à¤¯à¤•ाल, पà¥à¤²à¤¿à¤¸à¤¯à¤¾ कारà¥à¤¯à¤µà¤¾à¤¹à¥€ , नैतिक सà¥à¤²à¥‹à¤—न, आदि के जोर से कà¤à¥€ à¤à¥€ à¤à¥à¤°à¤·à¥à¤Ÿà¤¾à¤šà¤¾à¤° को जड़ से समापà¥à¤¤ नहीं किया जा सकताl à¤à¥à¤°à¤·à¥à¤Ÿà¤¾à¤šà¤¾à¤° को समापà¥à¤¤ करने के लिठसमाज में वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ को नैतिक सà¥à¤¤à¤° टढ़ करना होगा l जब वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ का नैतिकता में विकास विकास होगा तà¤à¥€ वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ समाज और राषà¥à¤Ÿà¥à¤° का कलà¥à¤¯à¤¾à¤£ कर सकेगा l देश में सà¤à¥€ करà¥à¤®à¤šà¤¾à¤°à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ को जब उनकी आवशà¥à¤¯à¤•ता के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° वेदर दिया जाà¤à¤—ा तब कहीं जाकर à¤à¥à¤°à¤·à¥à¤Ÿà¤¾à¤šà¤¾à¤° की नकेल कसी जा सकती है
(ङ) मितà¥à¤° का चà¥à¤¨à¤¾à¤µ करते समय हमें किन-किन बातों का धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ रखना चाहिठ?
Answer:
मितà¥à¤° बनाते समय धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ रखना चाहिठकि वह हमसे संकलन का न हो à¤à¤¸à¥‡ वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ की हर बात में बना विरोध के मनानी पड़ती है l वह हमारी हर बात को मनाने वाला à¤à¥€ नहीं होना चाहिठकà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि तब हमारे ऊपर कोई निरंतर नहीं रहेगा l केवल हंसमà¥à¤–, चेहरा, बातचीत, का ढंग आदि देख कर किसी को à¤à¥€ मितà¥à¤° नहीं बनाना चाहिठl उसके गà¥à¤£à¥‹à¤‚ तथा सà¥à¤µà¤à¤¾à¤µ की अपेकà¥à¤·à¤¾ करते हैं मितà¥à¤° बनाना चाहिठl हम हम जीवन संगà¥à¤°à¤¾à¤® में सहायता देने वाला होना चाहिठl
3.(i)अपनी गलती के लिठकà¥à¤·à¤®à¤¾ याचना करते हà¥à¤ अपने सà¥à¤•ूल के पà¥à¤°à¤§à¤¾à¤¨à¤¾à¤šà¤¾à¤°à¥à¤¯ को पà¥à¤°à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤¨à¤¾-पतà¥à¤° लिखिà¤à¥¤
Answer:
सेवा में
पà¥à¤°à¤§à¤¾à¤¨à¤¾à¤šà¤¾à¤°à¥à¤¯
टैगोर पबà¥à¤²à¤¿à¤• सà¥à¤•ूल
जालंधर
दिनांक 25-01-20...
विषय :- कà¥à¤·à¤®à¤¾ याचना के लिठपà¥à¤°à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤¨à¤¾ पतà¥à¤° l
माननीय महोदय
निवेदन यह है कि आज सà¥à¤¬à¤¹ जब मैं सà¥à¤•ूल आया तो मेरे पैर की ठोकर से ककà¥à¤·à¤¾ के बाहर रखा गमला टूट गया l मैं उसे वैसा ही टूटा तथा उसकी बिकà¥à¤°à¥€ मिटà¥à¤Ÿà¥€ और पौधे को छोड़कर ककà¥à¤·à¤¾ में चला गया l पीछे से आ रहे à¤à¤• छातà¥à¤° ने मेरी यह लापरवाही को देखकर अधà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤• जी से मेरी शिकायत कर दी और उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने मà¥à¤à¥‡ अधिक दंड दिया l आपसे पà¥à¤°à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤¨à¤¾ है कि मेरे इस गलती को करें कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि मैं अपनी इस लापरवाही पर बहà¥à¤¤ शरà¥à¤®à¤¿à¤‚दा हूं l
मैं आपका आà¤à¤¾à¤°à¥€ रहूंगा
आपका आजà¥à¤žà¤¾à¤•ारी शिषà¥à¤¯
रोहन
अथवा
कारà¥à¤¯à¤•ारी अधिकारी, विदà¥à¤¯à¥à¤¤ बोरà¥à¤¡ के नाम बिजली की सपà¥à¤²à¤¾à¤ˆ में कमी के समà¥à¤¬à¤¨à¥à¤§ में आवेदन-पतà¥à¤° लिखिà¤à¥¤
Answer:
पà¥à¤°à¥‡à¤®à¤ªà¤¾à¤² सिंधà¥
19 पà¥à¤°à¥‡à¤® नगर
दोराहा
दिनांक मारà¥à¤š20...
सेवा में
कारà¥à¤¯à¤•ारी अधिकारी
पंजाब बोरà¥à¤¡
दोराहा
विषय - बिजली की विदà¥à¤¯à¥à¤¤à¤…नियमित पूरà¥à¤¤à¤¿ के समाधान के लिठआवेदन पतà¥à¤° l
महादेव
निवेदन यह है कि हमारे मोहलà¥à¤²à¥‡ पà¥à¤°à¥‡à¤® नगर में कई दिनों से दिन और रात में कई कई घंटे तक बिजली चली जाती है l दिन तो किसी पà¥à¤°à¤•ार निकल जाता है परंतॠरात को जब घंटों बिजली गायब रहती है तो बहà¥à¤¤ कठिनाई होती है l परीकà¥à¤·à¤¾à¤“ं के दिन होने के कारण विदà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥à¤¥à¥€ पढ़ नहीं पाते .l रात अंधेरी होने से सड़क पर चलने वाले दà¥à¤°à¥à¤˜à¤Ÿà¤¨à¤¾à¤—à¥à¤°à¤¸à¥à¤¤ हो जाते हैं तथा चोर लà¥à¤Ÿà¥‡à¤°à¥‹à¤‚ की बन जाती है l कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° के विरà¥à¤¦à¥à¤§ विà¤à¤¾à¤— के करà¥à¤®à¤šà¤¾à¤°à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ आशà¥à¤°à¤® आदि को कई बार शिकायत की थी परंतॠकोई सà¥à¤¨à¤µà¤¾à¤ˆ नहीं हà¥à¤ˆ आशा है कि आप बिजली सपà¥à¤²à¤¾à¤ˆ की सूचना शीघà¥à¤° वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ करेंगे
धनà¥à¤¯à¤µà¤¾à¤¦
à¤à¤¾à¤µà¤—ीत
पà¥à¤°à¥‡à¤®à¤ªà¤¾à¤² सिंधà¥
(ii) निमà¥à¤¨à¤²à¤¿à¤–ित में से किसी à¤à¤• विषय पर 100-120 शबà¥à¤¦à¥‹à¤‚ में अनà¥à¤šà¥à¤›à¥‡à¤¦ लिखिà¤
गाà¤à¤µ का खेल मेला, अपने नये घर में पà¥à¤°à¤µà¥‡à¤¶, पà¥à¤°à¤•ृति का वरदान पेड़ पौधे।
Answer:
गाà¤à¤µ का खेल मेला
à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ संसà¥à¤•ृति की अनà¥à¤ªà¤® पहचान है l गà¥à¤°à¤¾à¤®à¥€à¤£ संसà¥à¤•ृति इन का विशेष महतà¥à¤µ है l हमारे गांव में पà¥à¤°à¤¤à¤¿ वरà¥à¤· खेल का मेला आयोजन किया जाता है l इस वरà¥à¤· à¤à¥€ हमारे गांव में मई माह में खेल मेले का धूमधाम से आयोजन किया गया l अवसर पर पूरे गांव को दà¥à¤²à¥à¤¹à¤¨ की तरह सजाया गया था l गांव की पà¥à¤°à¤¤à¥à¤¯à¥‡à¤• गली में बड़ी बड़ी लाइटें लगाई गई l खेल मैदान में दरà¥à¤¶à¤•ों के लिठबैठने की विशेष सà¥à¤µà¤¿à¤§à¤¾ की गई थी l मैदान में चारों तरफ लाइटिंग का à¤à¥€ विशेष पà¥à¤°à¤¬à¤‚ध था l मेले का उदà¥à¤˜à¤¾à¤Ÿà¤¨ राजà¥à¤¯ खेल मंतà¥à¤°à¥€ के कर कमलों से हà¥à¤† l खेल पà¥à¤°à¤¾à¤°à¤‚ठहोने से पूरà¥à¤µ खेल मंतà¥à¤°à¥€ में सà¤à¥€ टीमों से मà¥à¤²à¤¾à¤•ात की तथा उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ संबोधित करते हà¥à¤ कहा कि खिलाड़ियों को खेल à¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾ से खेलना चाहिठl पà¥à¤°à¤¥à¤® दिवस कब है कबडà¥à¤¡à¥€ , खो खो ,तथा साइकिल दौड़ का आयोजन किया गया l तथा दूसरे दिन 100, 200, तथा 500 मीटर दौड़ आयोजित की गई l कà¥à¤°à¤¿à¤•ेट मैच गेम सब दरà¥à¤¶à¤•ों का मन मोह लिया l सà¤à¥€ खिलाड़ियों को मेडल पà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¨ किठl वासà¥à¤¤à¤µ में अरे गांव का खेल मेला आयोजन रोचक मनोरंजक पूरà¥à¤£ रहा l
अपने नये घर में पà¥à¤°à¤µà¥‡à¤¶
मैंने बचपन में à¤à¤• सपना देखा था कि हमारा नया घर होगा जिसमें सà¥à¤ªà¤°à¤¿à¤µà¤¾à¤° खà¥à¤¶à¥€ से रहेंगे l मेरा यह सपना रात सपà¥à¤¤à¤¾à¤¹ पूरà¥à¤£ हà¥à¤† l पिछले सपà¥à¤¤à¤¾à¤¹ ही हमारा नया घर बनकर तैयार हà¥à¤† l जैसलमेर घर के अनà¥à¤°à¥‚प नठपरà¥à¤¦à¥‡, फरà¥à¤¨à¥€à¤šà¤°, आदि लगवाया गया l सोमवार को हमारा गृह पà¥à¤°à¤µà¥‡à¤¶ था जिसमें हमने अपने सà¤à¥€ मितà¥à¤°à¥‹à¤‚, रिशà¥à¤¤à¥‡à¤¦à¤¾à¤°à¥‹à¤‚ और पड़ोसियों को आमंतà¥à¤°à¤¿à¤¤ किया था l इस अवसर पर सà¥à¤¬à¤¹ 7:00 बजे जी पंडित जी ने पूजा विधान कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® आरंठकर दिया l इसके बाद हवन यजà¥à¤ž किया गया जिसमें परिवार के सà¤à¥€ लोग समà¥à¤®à¤¿à¤²à¤¿à¤¤ हà¥à¤ l पंडित जी ने नारियल फोड़कर परिवार से गृह पà¥à¤°à¤µà¥‡à¤¶ करवाया l पूजा विधान के बाद दोपहर à¤à¥‹à¤œà¤¨ का पà¥à¤°à¤¬à¤‚ध किया गया था l हमारे सà¤à¥€ मितà¥à¤°à¥‹à¤‚ रिशà¥à¤¤à¥‡à¤¦à¤¾à¤°à¥‹à¤‚ और पड़ोसियों आनंदपà¥à¤£à¥‡ à¤à¥‹à¤œà¤¨ किया l और जाते समय सà¤à¥€ ने गृह पà¥à¤°à¤µà¥‡à¤¶ लाखों बधाइयां दी l हमने सपरिवार मेहमानों का धनà¥à¤¯à¤µà¤¾à¤¦ किया l वासà¥à¤¤à¤µ में नठगृह पà¥à¤°à¤µà¥‡à¤¶ के अवसर पर हम सब बहà¥à¤¤ उतà¥à¤¸à¤¾à¤¹à¤¿à¤¤ थे l
पà¥à¤°à¤•ृति का वरदान पेड़ पौधे​​​​​​
पà¥à¤°à¤•ृति संसार को अनेक अनूठे उपहार à¤à¥‡à¤‚ट किठहैं l पेड़ पौधे पà¥à¤°à¤•ृति का अनूठा वरदान है l पेड़ पौधे से पà¥à¤£à¥‡ जीव जगत के जीवन मूल धारा है l यह परà¥à¤¯à¤¾à¤µà¤°à¤£ को साफ सà¥à¤µà¤¸à¥à¤¥ à¤à¤µà¤‚ सà¥à¤‚दर बनाते हैं l यह कारà¥à¤¬à¤¨ डाइऑकà¥à¤¸à¤¾à¤‡à¤¡ का गà¥à¤°à¤¹à¤£ करते हैं और ऑकà¥à¤¸à¥€à¤œà¤¨ दूसरों को देते हैं l ऑकà¥à¤¸à¥€à¤œà¤¨ से समयपà¥à¤°à¤® पà¥à¤°à¤¾à¤£à¥€ जगत सांस लेता है l पेड़ पौधे सà¥à¤µà¤¯à¤‚ सूरà¥à¤¯ की तपन को सहन कर दूसरों को छाया पà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¨ करते हैं l अपने पर सà¥à¤µà¤¯à¤‚ कà¤à¥€ नहीं खाते बलà¥à¤•ि उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ à¤à¥€ हमें दे देते हैं l इतने पेड़ पौधे वातावरण को शà¥à¤¦à¥à¤§ बनाते हैं l धरती की उपजाऊ शकà¥à¤¤à¤¿ को बढ़ाते हैं l à¤à¥‚मि को पानी के कटाव से रोकती है l पेड़ पौधों से हमें लकड़ियां चाल आदि अनेक आहार पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ होते हैं l पेड़ पौधे पà¥à¤°à¤•ृति का अनूठा वरदान है l हमें à¤à¥€ पेड़ पौधों का संरकà¥à¤·à¤£ करना चाहिठl अधिक से अधिक पेड़ पौधे लगाने चाहिठl
4.निमà¥à¤¨à¤²à¤¿à¤–ित गदà¥à¤¯à¤¾à¤‚श को पढ़कर दिठगठपà¥à¤°à¤¶à¥à¤¨à¥‹à¤‚ के उतà¥à¤¤à¤° लिखें
सà¥à¤µà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¿à¤¤ समाज का अनà¥à¤¸à¤°à¤£ करना अनà¥à¤¶à¤¾à¤¸à¤¨ कहलाता है। वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ के जीवन में अनà¥à¤¶à¤¾à¤¸à¤¨ का बहà¥à¤¤ महतà¥à¤µ है। अनà¥à¤¶à¤¾à¤¸à¤¨ के बिना मनà¥à¤·à¥à¤¯ अपने चरितà¥à¤° का निरà¥à¤®à¤¾à¤£ नहीं कर सकता तथा चरितà¥à¤°à¤¹à¥€à¤¨ वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ सà¤à¥à¤¯ समाज का निरà¥à¤®à¤¾à¤£ नहीं कर सकता। अपने वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿à¤¤à¥à¤µ के विकास के लिठà¤à¥€ मनà¥à¤·à¥à¤¯ का अनà¥à¤¶à¤¾à¤¸à¤¨à¤¬à¤¦à¥à¤§ होना अतà¥à¤¯à¤¨à¥à¤¤ आवशà¥à¤¯à¤• है। विदà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥à¤¥à¥€ जीवन मनà¥à¤·à¥à¤¯ के à¤à¤¾à¤µà¥€ जीवन की आधारशिला होता है। अतः विदà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ के लिठअनà¥à¤¶à¤¾à¤¸à¤¨ में रहकर जीवन-यापन करना आवशà¥à¤¯à¤• है।
(क) अनà¥à¤¶à¤¾à¤¸à¤¨ किसे कहते हैं ?
Answer:
सà¥à¤µà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¿à¤¤ समाज का अनà¥à¤¸à¤°à¤£ करना अनà¥à¤¶à¤¾à¤¸à¤¨ है l
(ख) मनà¥à¤·à¥à¤¯ किस के बिना अपने चरितà¥à¤° का निरà¥à¤®à¤¾à¤£ नहीं कर सकता ?
Answer:
अनà¥à¤¶à¤¾à¤¸à¤¨ के बिना मनà¥à¤·à¥à¤¯ अपने चरितà¥à¤° का निरà¥à¤®à¤¾à¤£ नहीं कर सकता l
(ग) विदà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥à¤¥à¥€ जीवन किसकी आधारशिला है ?
Answer:
विदà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥à¤¥à¥€ जीवन मनà¥à¤·à¥à¤¯ के à¤à¤¾à¤µà¥€ जीवन की आधारशिला है l
(घ) 'सà¥à¤µà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¿à¤¤' और 'आधारशिला' शबà¥à¤¦à¥‹à¤‚ के अरà¥à¤¥ लिखें।
Answer:
सà¥à¤µà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¿à¤¤ -उतà¥à¤¤à¤® रूप से वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¿à¤¤
आधारशिला - नींव
(ङ) उचित शीरà¥à¤·à¤• लिखें।
Answer:
अनà¥à¤¶à¤¾à¤¸à¤¨
5. (i) किनà¥à¤¹à¥€à¤‚ तीन मà¥à¤¹à¤¾à¤µà¤°à¥‹à¤‚/लोकोकà¥à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ को वाकà¥à¤¯à¥‹à¤‚ में इस पà¥à¤°à¤•ार पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤— करें कि उनका अरà¥à¤¥ सà¥à¤ªà¤·à¥à¤Ÿ हो जाठ:
जी à¤à¤° आना, पेट में चूहे दौड़ना, तेते पाà¤à¤µ पसारिठजेती लमà¥à¤¬à¥€ सौर, नेकी कर दरिया में डाल, तू डाल-डाल में पात-पात ।
Answer:
जी à¤à¤° आना:-( मन का परेशान होना) सà¥à¤•ूल में बचà¥à¤šà¥‡ की हतà¥à¤¯à¤¾ की घटना देख कर मेरा जी à¤à¤° आया l
पेट में चूहे दौड़ना:-( à¤à¥‚ख लगना) खून खेलने के बाद बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ के पेट में चूहे कूदना लग जाते हैं l
तेते पाà¤à¤µ पसारिठजेती लमà¥à¤¬à¥€ सौर:-( आमदनी के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° खरà¥à¤šà¤¾ करना) मनà¥à¤·à¥à¤¯ को कà¤à¥€ à¤à¥€ लोन लेकर आराम की वसà¥à¤¤à¥à¤à¤‚ नहीं खरीदनी चाहिठ:-इसीलिठबड़े कहते हैं कि तेते पाà¤à¤µ पसारिठजेती लमà¥à¤¬à¥€ सौर l
नेकी कर दरिया में डाल:- ( उपकार करके जताना नहीं चाहिà¤) दरà¥à¤¶à¤¨ ने राम को नौकरी पर लगा दिया पर उसने बता कि कैसे किया उसकी तो यह कहानी है कि नेकी कर दरिया में डाल l
तू डाल-डाल में पात-पात:-(विरोधी को चाल समà¤à¤¾à¤¨à¤¾) चà¥à¤¨à¤¾à¤µ के दिनों मैं दल 'क' की जालौन का दल 'ख' ने होशियारी से जवाब दिया और कहा बाल डाल मैं पात पात l
(ii) निमà¥à¤¨à¤²à¤¿à¤–ित गदà¥à¤¯à¤¾à¤‚श का हिनà¥à¤¦à¥€ में अनà¥à¤µà¤¾à¤¦ करें :
ਠਾਕà©à¨° ਸਾਹਿਬ ਦੇ ਚਲੇ ਜਾਣ ਤੋਂ ਬਾਅਦ ਮਨੋਹਰ ਸਿੰਘ ਨੇ ਤੇਜ਼ਾ ਨੂੰ ਬà©à¨²à¨¾à¨•ੇ ਛਾਤੀ ਨਾਲ ਲਾਇਆ ਤੇ ਕਿਹਾ- ਪà©à©±à¨¤à¨°, ਇਸ ਦਰਖਤ ਨੂੰ ਤੂੰ ਹੀ ਬਚਾਇਆ ਹੈ, ਇਸ ਲਈ ਮੈਨੂੰ ਵਿਸ਼ਵਾਸ ਹੋ ਗਿਆ ਹੈ ਕਿ ਮੇਰੇ ਪਿੱਛੇ ਤੂੰ ਇਸ ਦਰਖਤ ਦੀ ਪੂਰੀ ਰਖਿਆ ਕਰ ਸਕੇਂਗਾ ।
Answer:
ठाकà¥à¤° साहब के चले जाने के बाद मनोहर सिंह ने तेजा को बà¥à¤²à¤¾à¤•र छाती से लगाया और कहा पà¥à¤¤à¥à¤° इस वृकà¥à¤· को तूने बचाया है इसलिठमà¥à¤à¥‡ विशà¥à¤µà¤¾à¤¸ हो गया है कि मेरे बाद तू इसकी पूरी रकà¥à¤·à¤¾ कर सकेगा l
(iii) आपका नाम चारà¥à¤µà¥€ है। आप आदरà¥à¤¶ इनà¥à¤Ÿà¤°à¤¨à¥‡à¤¶à¤¨à¤² सà¥à¤•ूल दादर (मà¥à¤®à¥à¤¬à¤ˆ) में पढ़ती हैं। आप अपने सà¥à¤•ूल की वारà¥à¤·à¤¿à¤• पतà¥à¤°à¤¿à¤•ा की छातà¥à¤°-समà¥à¤ªà¤¾à¤¦à¤¿à¤•ा हैं। आप विदà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ से सà¥à¤•ूल की वारà¥à¤·à¤¿à¤• पतà¥à¤°à¤¿à¤•ा वरà¥à¤· 2016 के अंक के लिये कहानियाà¤, कविताà¤à¤, लघॠकथाà¤à¤, लेख पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ करने के लिठअपनी ओर से सूचना तैयार कीजिà¤à¥¤
Answer:
विदà¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ के सà¤à¥€ विदà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ को सूचित किया जाता है कि वष 2018 के लिठवारà¥à¤·à¤¿à¤• पतà¥à¤°à¤¿à¤•ा को छà¥à¤ªà¤¾à¤¨à¥‡ का सामान निशà¥à¤šà¤¿à¤¤ हो गया है l इस पतà¥à¤°à¤¿à¤•ा में छà¥à¤ªà¤¾à¤¨à¥‡ के लिठजो विदà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥à¤¥à¥€ अपनी कहानी, कविता, लेख , लघॠकथा देना चाहते हैं वह अपनी रचना 15 अकà¥à¤Ÿà¥‚बर छातà¥à¤° संपादिका के पास जमा करवा दे
चारà¥à¤µà¥€
वारà¥à¤·à¤¿à¤• पतà¥à¤°à¤¿à¤•ा छातà¥à¤°-समà¥à¤ªà¤¾à¤¦à¤¿à¤•ा
अथवा
आपका नाम नंद किशोर है। आप मकान नमà¥à¤¬à¤° 69, पटियाला में रहते हैं, आपका पà¥à¤¤à¥à¤° पीयूष 28 वरà¥à¤·, कद 5 फà¥à¤Ÿ 9 इंच, राजकीय अधà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤• हेतॠकारà¥à¤¯à¤°à¤¤ वधू चाहिà¤à¥¤ वैवाहिक शीरà¥à¤·à¤• के अनà¥à¤¤à¤°à¥à¤—त विजà¥à¤žà¤¾à¤ªà¤¨ का पà¥à¤°à¤¾à¤°à¥‚प तैयार करें।
Answer:
लड़का, आयà¥à¤· 28 वरà¥à¤·, कद 5 फà¥à¤Ÿ 9 इंच, राजकीय अधà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤• पटियाला निवासी हेतॠकारà¥à¤¯à¤°à¤¤ वधू चाहिठl संपरà¥à¤• करो नंद किशोर मकान नमà¥à¤¬à¤° 69, पटियाला l
(iv) मन सीजिठआपका नाम नरेश कà¥à¤®à¤¾à¤° है। आप लोश कà¥à¤®à¤¾à¤° औ दिनांक 10.4.16 को 10,000/- रà¥. का सà¥à¤µà¤¹à¤¸à¥à¤¤à¤¾à¤•à¥à¤·à¤°à¤¿à¤¤ रेखांकित किया हà¥à¤† चैक लिखकर देना है। इस अनà¥à¤¸à¤¾à¤° निमà¥à¤¨à¤²à¤¿à¤–ित चैक के पà¥à¤°à¤ªà¤¤à¥à¤° à¤à¤°à¥‡
दिनांक........................
....................................................................................................................
.......................................................................................या को
रà¥à¤ªà¤¯à¥‡ .......................................... रà¥..........
.....................................................................................अदा करें
खा. से. ।
A/c, no,
LF
ब प
INTLS
छ ह
सà¥à¤µà¤¿à¤§à¤¾ बैंक
चणà¥à¤¡à¥€à¤—ढ़
|720640" 170069410 कृपया यहाठहसà¥à¤¤à¤¾à¤•à¥à¤·à¤° करे।
Answer:
दिनांक..10.4.16
............................................लोश कà¥à¤®à¤¾à¤° ......................................
.......................................................................................या को
रà¥à¤ªà¤¯à¥‡ ...... दस हज़ार ............................. रà¥.10,000
.....................................................................................अदा करें
खा. से. ।
A/c, no,
476523146012 LF
ब प
INTLS
छ ह
सà¥à¤µà¤¿à¤§à¤¾ बैंक चणà¥à¤¡à¥€à¤—ढ़ नरेश कà¥à¤®à¤¾à¤°
|720640" 170069410 कृपया यहाठहसà¥à¤¤à¤¾à¤•à¥à¤·à¤° करे।
मान लीजिठआपका नाम विनोद कà¥à¤®à¤¾à¤° है। आप पटियाला में रहते हैं। आपको अपने बचत खाता नं. 17321986 में दो हज़ार रà¥à¤ªà¤ जमा करवाने हैं। अतः आप नीचे दिठगठपà¥à¤°à¤ªà¤¤à¥à¤° की रूपरेखा को अपनी उतà¥à¤¤à¤°-पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤¿à¤•ा पर उतार कर à¤à¤°à¥‡
बचत खाता नं.............................................................. दिनांक..........................
जो कि शà¥à¤°à¥€/स................................................................................के नाम से है
में रà¥......................................................................................की राशि जमा करें
पता ............................................................................................................
रà¥.......................
हसà¥à¤¤à¤¾à¤•à¥à¤·à¤°
Answer:
बचत खाता नं. ...............17321986........................ दिनांक..10.4.2019.....
जो कि शà¥à¤°à¥€/स....................विनोद कà¥à¤®à¤¾à¤°............................के नाम से है
में रà¥...........................दो हज़ार......................की राशि जमा करें
पत ...........पटियाला...................
रà¥..2000
हसà¥à¤¤à¤¾à¤•à¥à¤·à¤°
विनोद कà¥à¤®à¤¾à¤°