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Question paper 1
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1. निमà¥à¤¨à¤²à¤¿à¤–ित पà¥à¤°à¤¶à¥à¤¨ का हाठअथवा नहीं में उतà¥à¤¤à¤° दीजिठ-
(i)'आधार' शबà¥à¤¦ का विपरीत शबà¥à¤¦ निराशà¥à¤°à¤¿à¤¤' होगा - हाठअथवा नहीं
Answer:
नहीं
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(ii) 'बनगमन' समसà¥à¤¤ पद के निमà¥à¤¨à¤²à¤¿à¤–ित समास-विगà¥à¤°à¤¹-विकलà¥à¤ªà¥‹à¤‚ में से सही विकलà¥à¤ª को चà¥à¤¨à¤•र लिखिठ:
(क) वन में गमन (ख) वन को गमन '
(ग) वन के लिठगमन (४) वन से गमन
Answer:
वन को गमन
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(iii) निमà¥à¤¨à¤²à¤¿à¤–ित कथन में सही अथवा गलत लिखें :
'अरà¥à¤¥' शबà¥à¤¦ का विशेषण होगा- 'आरà¥à¤¥à¤¿à¤•ता
Answer:
हाà¤
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(iv) निमà¥à¤¨à¤²à¤¿à¤–ित कथन में संही अथवा गलत लिखें :
'जो बात कही न जा सके' अनेक शबà¥à¤¦à¥‹à¤‚ के लिठका à¤à¤• शबà¥à¤¦ होगा - 'अकथनीय'
Answer:
संही
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(v) “पà¥à¤¤à¥à¤°à¥€' शबà¥à¤¦ के निमà¥à¤¨à¤²à¤¿à¤–ित में से सही परà¥à¤¯à¤¾à¤¯à¤µà¤¾à¤šà¥€ शबà¥à¤¦ को चà¥à¤¨à¤•र लिखें -
(क) तनय (ख) तनà¥à¤œ (ग) तनà¥à¤œà¤¾
Answer:
तनà¥à¤œà¤¾
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(vi) कवि रहीम के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° जà¥à¤žà¤¾à¤¨à¥€ वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ संपतà¥à¤¤à¤¿ का संचय किसलिठकरते हैं ?
Answer:
जà¥à¤žà¤¾à¤¨à¥€ वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ संपतà¥à¤¤à¤¿ का संचय पैरोपकार करते हैं
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(vii) 'हम राजà¥à¤¯ लिठगरते हैं' कविता के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° किसान संसार को कैसे समृदà¥à¤§ बनाते हैं ?
Answer:
अनà¥à¤¨ पैदा करके
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(viii) रिकà¥à¤¤ सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ की पूरà¥à¤¤à¤¿ कीजिठ- ममता रोहतास दà¥à¤°à¥à¤— के मंतà¥à¤°à¥€ ------- की पà¥à¤¤à¥à¤°à¥€ थी।
Answer:
चूड़ामणि
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(ix) 'हाà¤' अथवा 'नहीं' में उतà¥à¤¤à¤° दीजिठ-
‘सदाचार का तावीज' निबनà¥à¤§ के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° साधॠने तावीज़ का पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤— गरे पर किया। हाठअथवा नहीं।
Answer:
नहीं
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(x)'सूखी ली' à¤à¤•ांकी में दादा मूलराज की पोती इंदॠने कहाठतक शिकà¥à¤·à¤¾ पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ की थी ? निमà¥à¤¨à¤²à¤¿à¤–ित में से सही विकलà¥à¤ª को । चà¥à¤¨ कर लिखिठ:
(क) मिडल तक (ख) पà¥à¤°à¤¾à¤‡à¤®à¤°à¥€ तक
(ग) दसवीं तक (घ) बारहवीं तक
Answer:
पà¥à¤°à¤¾à¤‡à¤®à¤°à¥€ तक
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à¤à¤¾à¤—-ख़
निरà¥à¤¦à¥‡à¤¶à¤¾à¤¨à¥à¤¸à¤¾à¤° उतà¥à¤¤à¤° दीजिठ-
(i) निमà¥à¤¨à¤²à¤¿à¤–ित शबà¥à¤¦à¥‹à¤‚ की संधि कीजिठ-
हत + उतà¥à¤¸à¤¾à¤¹à¤¿à¤¤
Answer:
हतोतà¥à¤¸à¤¾à¤¹à¤¿à¤¤
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अथवा
निमà¥à¤¨à¤²à¤¿à¤–ित शबà¥à¤¦ का संधिविचà¥à¤›à¥‡à¤¦ कीजिठ-
पितà¥à¤°à¤°à¥à¤ªà¤£ |
Answer:
पितà¥à¤¤ + अरà¥à¤ªà¤£
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(ii) निमà¥à¤¨à¤²à¤¿à¤–ित समसà¥à¤¤ पद (समास) का विगà¥à¤°à¤¹ कीजिठ-
राजकà¥à¤®à¤¾à¤°à¥€
Answer:
राजा की कà¥à¤®à¤¾à¤°à¥€
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अथवा
निमà¥à¤¨à¤²à¤¿à¤–ित विगà¥à¤°à¤¹ का समसà¥à¤¤ पद (समास) बनाइठ-
नीली है जो गाय
Answer:
नीलगाय
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(iii) निमà¥à¤¨à¤²à¤¿à¤–ित में से किसी à¤à¤• शबà¥à¤¦ की à¤à¤¾à¤µà¤µà¤¾à¤šà¤• संजà¥à¤žà¤¾ बनाइठ-
मीठा, अपना
Answer:
मीठा:-मिठास
अपना:- अपनापन
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(iv) निमà¥à¤¨à¤²à¤¿à¤–ित में से किसी à¤à¤• शबà¥à¤¦ का विशेषण बनाइठ-
चिंता, परिवार |
Answer:
चिंता:-चिंतित
परिवार:-पारिवारिक
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(v) निमà¥à¤¨à¤²à¤¿à¤–ित में से किसी à¤à¤• शबà¥à¤¦ के दो परà¥à¤¯à¤¾à¤¯à¤µà¤¾à¤šà¥€ शबà¥à¤¦ लिखिठ-
दिन, इचà¥à¤›à¤¾ |
Answer:
दिन:- दिवस, बार
इचà¥à¤›à¤¾:- मनोरथ अà¤à¤¿à¤²à¤¾à¤·à¤¾
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(vi) निमà¥à¤¨à¤²à¤¿à¤–ित में से किसी à¤à¤• समरूपी à¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤• शबà¥à¤¦-यà¥à¤—à¥à¤® का पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤— वाकà¥à¤¯ में इस तरह करें ताकि उनका अरà¥à¤¥ सà¥à¤ªà¤·à¥à¤Ÿ हो ।
जाठ- अनà¥à¤¨-अनà¥à¤¯, सपà¥à¤¤à¥à¤° सà¥à¤ªà¥à¤¤à¥à¤°
Answer:
अनà¥à¤¨:-(अनाज) देश में अनà¥à¤¨ की खपत बढ़ रही है l
अनà¥à¤¯:-(दूसरा) आपके अलावा अनà¥à¤¯ कोई नहीं है l
सपà¥à¤¤à¥à¤°:-(पà¥à¤¤à¥à¤° सहित) आप के सपà¥à¤¤à¥à¤° आगमन पर हम पà¥à¤°à¤¸à¤¨à¥à¤¨ है l
सà¥à¤ªà¥à¤¤à¥à¤°:-(अचà¥à¤›à¤¾ बेटा) पूनम का सà¥à¤ªà¥à¤¤à¥à¤° तो उचà¥à¤š पद पर है l
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(vii) निमà¥à¤¨à¤²à¤¿à¤–ित में से किसी à¤à¤• वाकà¥à¤¯à¤¾à¤‚श (अनेक शबà¥à¤¦à¥‹à¤‚ के लिठà¤à¤• शबà¥à¤¦ लिखिठ-
पूरà¥à¤µà¤œà¥‹à¤‚ से पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ हà¥à¤ˆ समà¥à¤ªà¤¤à¥à¤¤à¤¿, जो नीति का जà¥à¤žà¤¾à¤¤à¤¾ हो।
Answer:
पूरà¥à¤µà¤œà¥‹à¤‚ से पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ हà¥à¤ˆ समà¥à¤ªà¤¤à¥à¤¤à¤¿:-पैरतक
जो नीति का जà¥à¤žà¤¾à¤¤à¤¾ हो:-नीतिजà¥à¤ž
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(viii) निमà¥à¤¨à¤²à¤¿à¤–ित में से किसी à¤à¤• शबà¥à¤¦ का विलोम शबà¥à¤¦ लिखिठ-
कंजूस, विसà¥à¤¤à¤¾à¤° |
Answer:
कंजूस:-खरà¥à¤šà¥€à¤²à¤¾
विसà¥à¤¤à¤¾à¤°:-संकà¥à¤·à¥‡à¤ª
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(ix) निमà¥à¤¨à¤²à¤¿à¤–ित में से किसी à¤à¤• शबà¥à¤¦ के अनेकारà¥à¤¥à¤• शबà¥à¤¦ (कम से कम दो) लिखिठ-
हवा, धूप
Answer:
हवा:-समीर, हवा
धूप:-सूरà¥à¤¯ की धूप, अगरबतà¥à¤¤à¥€
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(x) निमà¥à¤¨à¤²à¤¿à¤–ित में से किसी à¤à¤• अशà¥à¤¦à¥à¤§ वाकà¥à¤¯ को शà¥à¤¦à¥à¤§ करके लिखिठ-
(क) मेरे को मंदिर जाना है।
(ख) मेधावी मेरी अनà¥à¤œ हैं।
Answer:
(क) मेरे को मंदिर जाना है:-मà¥à¤à¥‡ मंदिर जाना है l
(ख) मेधावी मेरी अनà¥à¤œ हैं:-मेधावी मेरी अनà¥à¤œà¤¾ है l
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à¤à¤¾à¤—-ग
3. निमà¥à¤¨à¤²à¤¿à¤–ित पदà¥à¤¯à¤¾à¤‚श की सपà¥à¤°à¤¸à¤‚ग वà¥à¤¯à¤¾à¤–à¥à¤¯à¤¾ कीजिठ-
पर सà¥à¤– संपति देखि सà¥à¤¨à¤¿,
जरहिं जे जड़ बिनॠआगि।
तà¥à¤²à¤¸à¥€ तिन के à¤à¤¾à¤— ते,
चलै à¤à¤²à¤¾à¤ˆ à¤à¤¾à¤—ि।।
Answer:
पà¥à¤°à¤¸à¤‚ग :-पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¥à¤¤ दोहा तà¥à¤²à¤¸à¥€à¤¦à¤¾à¤¸ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ रचित दोहावली से लिया गया है l जिसमें कवि ने वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ की दà¥à¤°à¥à¤¦à¤¶à¤¾ का वरà¥à¤£à¤¨ किया है l
वà¥à¤¯à¤¾à¤–à¥à¤¯à¤¾:- तà¥à¤²à¤¸à¥€à¤¦à¤¾à¤¸ जी कहते हैं की दूसरे और संपतà¥à¤¤à¤¿ को देख सà¥à¤¨à¤•र जो मोर के बिना आग के जलते रहते हैं उन लोगों के à¤à¤¾à¤—à¥à¤¯ से बलाई सà¥à¤µà¤¯à¤‚ ही à¤à¤¾à¤— जाती है l
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अथवा
गोधन के धनी उदार,
उनको सà¥à¤²à¤ सà¥à¤¥à¤¾ की धार,
सहनशीलता के आगर वे शà¥à¤°à¤® सागर तरते हैं।
हम राजà¥à¤¯ लिठमरते हैं।
Answer:
पà¥à¤°à¤¸à¤‚ग:-पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¥à¤¤ पंकà¥à¤¤à¤¿à¤¯à¤¾à¤‚ मैथिलीशरण गà¥à¤ªà¥à¤¤ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ रचित कविता 'हम राजà¥à¤¯ लिठमरते हैं' से ली गई है l इसमें उरà¥à¤®à¤¿à¤²à¤¾ ने कà¥à¤²à¥‡à¤¶ से दà¥à¤–ी होकर संपनà¥à¤¨ जीवन की पà¥à¤°à¤¶à¤‚सा की है
वà¥à¤¯à¤¾à¤–à¥à¤¯à¤¾:- उरà¥à¤®à¤¿à¤²à¤¾ कहती है कि किसान के पास गायों रूपी धन है जिसके कारण वह धनवान है और उधार बने रहते हैं l उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ अमृत की धारा के समान ने गाया का दूध सारा आसान आसानी से मिल जाती है l रेशम शीलता आ रहे हैं तथा निरंतर पà¥à¤°à¤¶à¥à¤¨ रूपी सागर में तैरते रहते हैं जब हम लोग आपस में लड़ते à¤à¤—ड़ते हैं l
-
4. निमà¥à¤¨à¤²à¤¿à¤–ित में से किनà¥à¤¹à¥€à¤‚ चार पà¥à¤°à¤¶à¥à¤¨à¥‹à¤‚ के उतà¥à¤¤à¤° तीन या चार पंकà¥à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ में दीजिठ-
(i) 'नरà¥à¤¸' कहानी में सिसà¥à¤Ÿà¤° सूसान ने महेश को अपने बेटे के बारे में कà¥à¤¯à¤¾ बताया ?
Answer:
जब सिसà¥à¤Ÿà¤° सूसानसिसà¥à¤Ÿà¤°à¥à¤¸ सà¥à¤œà¤¾à¤¨ ने महेश को रोते तो उसने महेश को बताया कि बेटा की उसके बाद रोता है बहà¥à¤¤ शैतान है l उसका नाम महेश है वह 3 महीने का है महेश को बताया कि आया उसे जब खिलाती है या गाना गाती है तो खà¥à¤¶à¥€ से आग पर ऊपर नीचे करने लगता है जैसे नाच रहा हो l
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(ii) 'अशिकà¥à¤·à¤¿à¤¤ का हृदय' कहानी में नीम के वृकà¥à¤· के साथ मनोहर सिंह का इतना लगाय कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ था ?
Answer:
नीम का वृकà¥à¤· मनोहर के घर के बाहर लगा हà¥à¤† था l यह पेड़ उसके पिताजी के हाथ से लगाया हà¥à¤† था l उसके साथ उसका बचपन बीता था l वह पेड़ उस के दरोगा था उस अपने पिताजी की यादगारी मनाता था वह पेड़ की सीट शायर सà¥à¤– से अनà¥à¤à¤µ करता था उसे पà¥à¤°à¤¿à¤¯ था इस पेड़ के उसे परिवार पर अनेकों उपकार थे उसे तथा उसके परिवार को छाया पà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¨ करता था l
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(iii) 'मितà¥à¤°à¤¤à¤¾' निबनà¥à¤§ के आधार पर लिखें कि अपने से अधिक आतà¥à¤®à¤¬à¤² रखने वाले वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ को मितà¥à¤° बनाने से कà¥à¤¯à¤¾ लाठहै ?
Answer:
हमें अपने से अधिक आतà¥à¤®à¤¬à¤² रखने वाले वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ को अपना मितà¥à¤° बनाना चाहिठà¤à¤¸à¥‡ वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ हमें उचà¥à¤š और महान कारà¥à¤¯ को मैं सहायता करते हैं हम मनोबल और साहस बढ़ाते हैं l उस की पà¥à¤°à¥‡à¤°à¤£à¤¾ से हम अपनी शकà¥à¤¤à¤¿ से अधिक कारà¥à¤¯ कर लेते हैं l à¤à¤¸à¥‡ मितà¥à¤°à¥‹à¤‚ के à¤à¤°à¥‹à¤¸à¥‡ हम कठिन से कठिन कारà¥à¤¯ à¤à¥€ आसानी से कर लेते हैं l
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(iv) 'मैं और मेरा देश' निबनà¥à¤§ के आधार पर लिखें कि लाला लाजपतराय के किस अनà¥à¤à¤µ ने लेखक की पूरà¥à¤£à¤¤à¤¾ को अपूरà¥à¤£à¤¤à¤¾ में बदल दिया ?
Answer:
लाला लाजपत राय से अनेकों देशों में ले गठथे जब à¤à¥€ वहां से घूम कर अपने देश में लौटे तो उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ अपना विदेशी यातà¥à¤°à¤¾ का अनà¥à¤à¤µ सà¥à¤¨à¤¾à¤¤à¥‡ हà¥à¤ कहा कि अमेरिका इंगà¥à¤²à¥ˆà¤‚ड तथा संसार के दूसरे देशों में à¤à¥€ गठपर à¤à¤¾à¤°à¤¤à¤µà¤°à¥à¤· की गà¥à¤²à¤¾à¤®à¥€ की लजà¥à¤œà¤¾ का कलंक लगा ही रहा l
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(v) 'सूसी शाली' à¤à¤•ांकी में परेश ने दादा जी के पास जाकर अपनी पतà¥à¤¨à¥€ बैला के समà¥à¤¬à¤¨à¥à¤§ में कà¥à¤¯à¤¾ बताया ?
Answer:
परेश ने दादा जी के पास जाकर बताया कि उसकी पतà¥à¤¨à¥€ बेला का मन किस घर में नहीं लगता था l उसे कोई à¤à¥€ पसंद नहीं करता था l सब कà¥à¤› की निंदा करते थे l वह à¤à¤¸à¤¾ समà¤à¤¤à¥€ थी जैसे वह पर परागों में आ गई हो l पà¥à¤°à¤œà¤¾à¤¤à¤¿ चाहती है और दूसरों का पसंद नहीं करती l
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(vi) 'देश के दà¥à¤¶à¥à¤®à¤¨' à¤à¤•ांकी में जयदेव को गà¥à¤ªà¥à¤¤à¤šà¤°à¥‹à¤‚ से कà¥à¤¯à¤¾ समाचार मिला ?
Answer:
जयदेव को गà¥à¤ªà¥à¤¤à¤šà¤¾à¤°à¥‹à¤‚ यह समाचार मिला की अंधेरी में पà¥à¤²à¤¿à¤¸ à¤à¤• डेड मील दकà¥à¤·à¤¿à¤£ की तरफ से कà¥à¤› लोग बॉरà¥à¤¡à¤° पार करने वाले हैं l à¤à¤¸à¤¾ शहर की सोना समगà¥à¤° कर के ला रहे हैं l
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5. निमà¥à¤¨à¤²à¤¿à¤–ित में से किनà¥à¤¹à¥€à¤‚ तीन पà¥à¤°à¤¶à¥à¤¨à¥‹à¤‚ के उतà¥à¤¤à¤° छह-सात पंकà¥à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ में दीजिठ-
(i) 'ममता' कहानी के अथार पर ममता का चरितà¥à¤° चितà¥à¤°à¤£ कीजिà¤à¥¤
Answer:
ममता à¤à¤• सौदयम य यà¥à¤•à¥à¤¤à¤¿ थी l बà¥à¤°à¤¾à¤¹à¥à¤®à¤£ होने के कारण मन में धन के पà¥à¤°à¤¤à¤¿ कोई मोह नहीं था l तà¥à¤¯à¤¾à¤— करना और कषà¥à¤Ÿ सहना वह जानती थी l उसने à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ नारी के गà¥à¤£ विदà¥à¤¯à¤®à¤¾à¤¨ थे l ममता देशà¤à¤•à¥à¤¤ à¤à¥€ थी l राषà¥à¤Ÿà¥à¤° पà¥à¤°à¥‡à¤® उसकी नस-नस में था l ममता यह जानती हà¥à¤ˆ कि उसके पिता की हतà¥à¤¯à¤¾ इन यà¥à¤µà¤¾à¤“ं के हाथों हà¥à¤ˆ है à¤à¤• आगतक को इसलिठशरण देती है कि हिंदू धरà¥à¤® में'अतिथि देवो à¤à¤µ ' कहा गया है l लोगों के पà¥à¤°à¤¤à¤¿ पà¥à¤°à¥‡à¤® से दूसरों के सà¥à¤–-दà¥à¤– समà¤à¤¨à¥‡ की à¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾ के कारण लोग समà¥à¤®à¤¾à¤¨ करते हैं l मैं आजीवन सब के दà¥à¤– सà¥à¤– की सहà¤à¤¾à¤—ी है l इसकी सेवा à¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾ के कारण उसके अंत समय में गांव की सà¥à¤¤à¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾à¤‚ ममता की सेवा के लिठघेरकर बैठी थी l
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(ii) 'दो कलाकार” कहानी में चितà¥à¤°à¤¾ à¤à¤• मंà¤à¥€ हà¥à¤ˆ चितà¥à¤°à¤•ार है। आप इससे कहाठतक सहमत हैं ?
Answer:
हां चितà¥à¤°à¤¾ à¤à¤• मंà¤à¥€ हà¥à¤ˆ चितà¥à¤°à¤•ार हैl उसे चितà¥à¤°à¤•ला का बहà¥à¤¤ शौक है l वह चितà¥à¤° बनाने के लिठसदैव नवीन पà¥à¤°à¥‡à¤°à¤£à¤¾à¤“ं की तलाश करती है l उसकी मेहनत विशà¥à¤µ पà¥à¤°à¤¸à¤¿à¤¦à¥à¤§ चितà¥à¤°à¤•ार बना देती है वह आधà¥à¤¨à¤¿à¤• चितà¥à¤°à¤•ला को नियमों के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° अपने चितà¥à¤°à¥‹à¤‚ को बनाती है l उनकी कला जीवन के सà¥à¤– दà¥à¤– से जà¥à¤¡à¤¼à¥€ हà¥à¤ˆ थी l उसके दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ बनाया गया à¤à¥€à¤– मांगी और उसके दोनों बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ का चितà¥à¤° उसकी मंà¤à¥€ कलाकारी होने का सबूत है l
-
(iii) 'राजेंदà¥à¤° बाबू' पाठके आधार पर राजेंदà¥à¤° बाबू की पतà¥à¤¨à¥€ की चारितà¥à¤°à¤¿à¤• विशेषताओं का वरà¥à¤£à¤¨ करे।
Answer:
राजेंदà¥à¤° बाबू की पतà¥à¤¨à¥€ à¤à¤• सचà¥à¤šà¥€ à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ नारी थीlबचपन में उसका विवाह हो गया थाl बिहार के जिमीदार परिवार की वधॠतथा सà¥à¤µà¤¤à¤‚तà¥à¤°à¤¤à¤¾ संगà¥à¤°à¤¾à¤® की सà¥à¤ªà¥à¤°à¤¸à¤¿à¤¦à¥à¤§ सोनानी à¤à¤¾à¤°à¤¤ के पà¥à¤°à¤¥à¤® राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¤ªà¤¤à¤¿ की पतà¥à¤¨à¥€ होने का कारण अहंकार नहीं था l राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¤ªà¤¤à¤¿ à¤à¤µà¤¨ में वे सà¥à¤µà¤¯à¤‚ à¤à¥‹à¤œà¤¨ पकाती थी पति, परिवार, परिजनों, आदि को खिला कर ही सà¥à¤µà¤¯à¤‚ गà¥à¤°à¤¹à¤£ करती थी l लेखिका के छातà¥à¤°à¤¾à¤µà¤¾à¤¸ में अपने और सà¥à¤¤à¥à¤°à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ से मिलने आने पर वह छातà¥à¤°à¤¾à¤µà¤¾à¤¸ की अनà¥à¤¯ छातà¥à¤°à¤¾à¤“ं, आदि को à¤à¥€ मिठाई बाट देती थी l
-
(iv) 'सदाचार का तावीज़' पाट में छिपे वà¥à¤¯à¤‚गà¥à¤¯ को सà¥à¤ªà¤·à¥à¤Ÿ कीजिà¤à¥¤
Answer:
'सदाचार का तावीज़' पाठमूल रूप से वà¥à¤¯à¤¾à¤§à¥à¤¯à¤¾à¤¤à¥à¤®à¤¿à¤• रचना है l रचना के माधà¥à¤¯à¤® से वà¥à¤¯à¤¾à¤–à¥à¤¯à¤¾à¤•ार लेखक शंकर परसाई करना चाहता है की केबल à¤à¤¾à¤·à¤£à¥‹à¤‚, कारà¥à¤¯à¤•ाल को ,पà¥à¤²à¤¿à¤¸à¤¿à¤¯à¤¾ कारà¥à¤°à¤µà¤¾à¤ˆ, नैतिक सà¥à¤²à¥‹à¤—नओं बाद में बाद आदि के जोर से कà¤à¥€ à¤à¥€ à¤à¥à¤°à¤·à¥à¤Ÿà¤¾à¤šà¤¾à¤° को जड़ से समापà¥à¤¤ नहीं किया जा सकता l à¤à¥à¤°à¤·à¥à¤Ÿà¤¾à¤šà¤¾à¤° को सलमा पर करने के लिठसमाज में वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ को नैतिक टेढ़ा करना होगा l जब वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ की नैतिकता à¤à¥€ विकास होगा समाज तथा राषà¥à¤Ÿà¥à¤° का कलà¥à¤¯à¤¾à¤£ कर सकेगा l देश में कारà¥à¤¯à¤°à¤¤ सà¤à¥€ करà¥à¤®à¤šà¤¾à¤°à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ को जब उसकी आवशà¥à¤¯à¤•तानà¥à¤¸à¤¾à¤° वेतन दिया जाà¤à¤—ा तब कहीं जाकर à¤à¥à¤°à¤·à¥à¤Ÿà¤¾à¤šà¤¾à¤° न केंदà¥à¤° कसी जा सकती है l à¤à¥à¤°à¤·à¥à¤Ÿà¤¾à¤šà¤¾à¤° पर लगाम लगाना किसी à¤à¤• वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ का काम नहीं बलà¥à¤•ि इसकी जिमà¥à¤®à¥‡à¤µà¤¾à¤°à¥€ पूरे समाज की है l
-
(v) सूखी डाली' à¤à¤•ांकी से हमें कà¥à¤¯à¤¾ शिकà¥à¤·à¤¾ मिलती है ?
Answer:
हमें परिवार की सà¤à¥€ कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ का समà¥à¤®à¤¾à¤¨ बाल से समà¥à¤®à¤¾à¤¨ करते हà¥à¤ मिलजà¥à¤²à¤•र रहना चाहिठl हमें अपने बà¥à¤œà¥à¤°à¥à¤—ों माता पिता का आदर करना चाहिठl उनके दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ बताठगठसà¥à¤à¤¾à¤µ को सà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¿à¤¤ तथा संसà¥à¤•ृत मानगढ़ घमंड में चूर नहीं रहना चाहिठअनà¥à¤¯à¤¥à¤¾ घमंड में रहकर आदमी परिवार के साथ रहकर à¤à¥€ पेड़ पर लगी सूखी डाली के समान बन कर रह जाता है l छोटा बड़ा कोई उमà¥à¤° से नहीं बलà¥à¤•ि जà¥à¤žà¤¾à¤¨ और बà¥à¤¦à¥à¤§à¤¿ से होता है l
-
à¤à¤¾à¤—-घ
6. आपका नाम जगजीत कौर है। आप शिवाजी नगर, मà¥à¤®à¥à¤¬à¤ˆ में रहते हैं। आप अपनी ओर से मà¥à¤®à¥à¤¬à¤ˆ के 'जन चेतना' समाचार पतà¥à¤° के मà¥à¤–à¥à¤¯ समà¥à¤ªà¤¾à¤¦à¤• के नाम सड़क दà¥à¤°à¥à¤˜à¤Ÿà¤¨à¤¾à¤“ं पर चिंता वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤ करते हà¥à¤ दà¥à¤°à¥à¤˜à¤Ÿà¤¨à¤¾à¤“ं को रोकने के सà¥à¤à¤¾à¤µ समà¥à¤¬à¤¨à¥à¤§à¥€ à¤à¤• पतà¥à¤°
Answer:
जगजीत कौर
शिवाजी नगर,
मà¥à¤®à¥à¤¬à¤ˆ
दिनांक 22अगसà¥à¤¤20..
सेवा में
संपादक
जन चेतना
मà¥à¤®à¥à¤¬à¤ˆ
विषय:- सड़क दà¥à¤°à¥à¤˜à¤Ÿà¤¨à¤¾à¤à¤‚- समसà¥à¤¯à¤¾ और सà¥à¤à¤¾à¤µ
पà¥à¤°à¤¿à¤¯ महादेà¤
आप की लोकपà¥à¤°à¤¿à¤¯ समाचार पतà¥à¤° के माधà¥à¤¯à¤® से में दिन पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¦à¤¿à¤¨ बढ़ती हà¥à¤ˆ सड़क दà¥à¤°à¥à¤˜à¤Ÿà¤¨à¤¾à¤“ं दिलाना चाहता उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ रोकने के लिठअपनी और से सà¥à¤à¤¾à¤µ à¤à¥€ दे रहा है l आजकल निरंतर बढ़ती हà¥à¤ˆ सड़क दà¥à¤°à¥à¤˜à¤Ÿà¤¨à¤¾à¤“ं का मà¥à¤–à¥à¤¯ कारण बिना वाहन चलाने के लिठलाइसेंस की गाड़ी चलाना, नशे में गाड़ी चलाना, तेज गति से गाड़ी चलाना, टà¥à¤°à¥ˆà¤«à¤¿à¤• नियमों अनदेखी करते हà¥à¤ वाहन चलाना, टà¥à¤°à¤•ों में निरà¥à¤§à¤¾à¤°à¤¿à¤¤ सीमा से अधिक माल à¤à¤°à¤¨à¤¾ वाहनों की समय-समय पर सरà¥à¤µà¤¿à¤¸ ना करवाना आदि है l समसà¥à¤¯à¤¾à¤“ं से हटाने के लिठपरिवहन पà¥à¤²à¤¿à¤¸ विà¤à¤¾à¤— को मिलजà¥à¤² कर काम करना चाहिठl वाहन चालकों को लाइसेंस टà¥à¤°à¥ˆà¤«à¤¿à¤• नियम से पà¥à¤°à¤¾à¤¯à¤¶à¥à¤šà¤¿à¤¤ तथा वाहन चलाने की परीकà¥à¤·à¤¾ देने के बाद दिया जाठl टà¥à¤°à¥‡à¤«à¤¿à¤• नियमों को तोड़ने वाले को कठोर दंड दिया जाठl समय समय पर सà¥à¤•ूल कॉलेजों और संसà¥à¤¥à¤¾à¤“ं मैं नियमों की जानकारी देनी चाहिà¤
आशा है पà¥à¤°à¤¶à¤¾à¤¸à¤¨ ने सà¥à¤à¤¾à¤µ की ओर धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ देकर सड़क दà¥à¤°à¥à¤˜à¤Ÿà¤¨à¤¾à¤“ं को रोकने की पहल करेगा
धनà¥à¤¯à¤µà¤¾à¤¦
जगजीत कौर
-
अथवा
आपका नाम अनीता पà¥à¤°à¥€ है। आप जà¥à¤žà¤¾à¤¨à¥‹à¤¦à¤¯ पबà¥à¤²à¤¿à¤• सà¥à¤•ूल, जगाधरी में दसवीं ककà¥à¤·à¤¾ में पढ़ती हैं। अपने सà¥à¤•ूल के पà¥à¤°à¤§à¤¾à¤¨à¤¾à¤šà¤¾à¤°à¥à¤¯ को सà¥à¤•ूल में अगिक से अधिक खेलों का सामान मंगवाने के लिठअनà¥à¤°à¥‹à¤§ करते हà¥à¤ आवेदन पतà¥à¤° लिखिà¤à¥¤
Answer:
सेवा में
पà¥à¤°à¤§à¤¾à¤¨à¤¾à¤šà¤¾à¤°à¥à¤¯
जà¥à¤žà¤¾à¤¨à¥‹à¤¦à¤¯ पबà¥à¤²à¤¿à¤• सà¥à¤•ूल,
जगाधरी
विषय:- वीडियो समानारà¥à¤¥ पà¥à¤°à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤¨à¤¾ पतà¥à¤° l
मानà¥à¤¯à¤µà¤° महोदय
अपने à¤à¤• छातà¥à¤° सà¤à¤¾ में à¤à¤¾à¤·à¤£ देते हà¥à¤ इस बात पर बल दिया कि छातà¥à¤°à¥‹à¤‚ को शिकà¥à¤·à¤¾ के साथ साथ खेलों का महतà¥à¤¤à¤® à¤à¥€ समà¤à¤¨à¤¾ चाहिठl खेल शिकà¥à¤·à¤¾ का à¤à¤• महतà¥à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤£ अंग है l मà¥à¥à¤¦à¥à¤¦à¥‡ की बात है कि आप शेरों की आवशà¥à¤¯à¤•ता तो खूब समà¤à¤¤à¥‡ हैं पर खेल सामगà¥à¤°à¥€ की अà¤à¤¾à¤µ और कà¤à¥€ आपका धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ नहीं गया l खेलो के अनेक लाठहै यह सà¥à¤µà¤¾à¤¸à¥à¤¥à¥à¤¯ के लिठबड़े उपयोगी है l यह अनà¥à¤¶à¤¾à¤¸à¤¨ बालन सहयोगी का पाठपढ़ाती हैं l अंत आप से निवेदन है कि आप खेलों का सामान उपलबà¥à¤§ करवाने की कृपा करें l इससे छातà¥à¤°à¥‹à¤‚ में खेलों के पà¥à¤°à¤¤à¤¿ रà¥à¤šà¤¿ बढ़ेगी वह अपने खेल पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤à¤¾ का विकास कर सकेंगे l आशा है कि आप मेरे पतà¥à¤° पर उचित धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ देंगे l
आपका आजà¥à¤žà¤¾à¤•ारी छातà¥à¤°
अनीता पà¥à¤°à¥€
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7. निमà¥à¤¨à¤²à¤¿à¤–ित किसी à¤à¤• विषय पर 100-120 शबà¥à¤¦à¥‹à¤‚ में अनà¥à¤šà¥à¤›à¥‡à¤¦ लिखिठ-
(क) जनसंचार के माधà¥à¤¯à¤®
(ख) सबà¥à¤œà¥€ मंडी में सबà¥à¤œà¥€ खरीदने का मेरा पहला अनà¥à¤à¤µ
(ग) पà¥à¤°à¤•ृति का वरदान : पेड़-पौधे
Answer:
जनसंचार के माधà¥à¤¯à¤®
वरà¥à¤¤à¤®à¤¾à¤¨ यà¥à¤— जà¥à¤žà¤¾à¤¨ का यà¥à¤— है l आज के यà¥à¤— में जनसंचार के कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° में कà¥à¤°à¤¾à¤‚ति सी आ गई हैl आज पहले की अपेकà¥à¤·à¤¾ जन संचार के आधà¥à¤¨à¤¿à¤• à¤à¤µà¤‚ अनेक साधन है जिससे हम दूसरों अपनी बात को आसानी से पहà¥à¤‚चा सकते हैं l अब तो जनसंचार के लिठमोबाइल फोन हर वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ की जेब में सदा विदà¥à¤¯à¤®à¤¾à¤¨ रहता है l जिससे आप देश-विदेश कहीं à¤à¥€ बात कर सकते हैं संदेश पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ कर सकते हैं या उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ कहीं à¤à¥€ à¤à¥‡à¤œ सकते हैं l इंटरनेट सà¥à¤µà¤¿à¤§à¤¾ ने तो पूरे संसार को à¤à¤• गांव में बदल के रख दिया है l पतà¥à¤°, पतà¥à¤°à¤¿à¤•ाà¤à¤‚, रेडियो, टेलीविजन, मोबाइल, टेलिफोन, इंटरनेट, आदि जन संचार के विà¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ माधà¥à¤¯à¤® है l जनसंचार के माधà¥à¤¯à¤® को अनेक वरà¥à¤—ों के बांट सकते हैं l मौखिक और लिखितl इन सà¤à¥€ माधà¥à¤¯à¤® की शिकà¥à¤·à¤¾, वà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤¾à¤°, वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾, मनोरंजन, आदि विषयों में अनà¥à¤œ योगदान है l
सबà¥à¤œà¥€ मंडी में सबà¥à¤œà¥€ खरीदने का मेरा पहला अनà¥à¤à¤µ
जीवन में जितनी आवशà¥à¤¯à¤•ता काम की है l उससे कहीं जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ महतà¥à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤£ अनà¥à¤à¤µ पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ करना है l कारà¥à¤¯ में गति और पà¥à¤°à¤—ति लाता है l बम के आधार पर किया जाने वाला कारà¥à¤¯ शà¥à¤°à¥‡à¤·à¥à¤ कर होता है l मेरे घर शहर के सेकà¥à¤Ÿà¤° 8 कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° में है l हमारे घर के पास सबà¥à¤œà¥€ मंडी लगती है l बड़ी मंडी से à¤à¥€ कà¥à¤› छोटे दà¥à¤•ानदार सबà¥à¤œà¥€ बेचने के लिठयहां आते हैं l सबà¥à¤œà¥€ बेचने और खरीदने का कोलाहल देखने की बनता है l पà¥à¤°à¤¾à¤¯ : वहीं सबà¥à¤œà¥€ खरीदने के लिठबड़ी बहन और ममà¥à¤®à¥€ जाते हैं लेकिन आज मैं चला गया l मेरे जीवन का अलग अनà¥à¤à¤µ था l सबà¥à¤œà¥€ मंडी में लोगों की à¤à¥€à¤¡à¤¼ थी l रेडियो की à¤à¥€à¤¡à¤¼ के अतिरिकà¥à¤¤ डेटो की बनी फरà¥à¤¶ पर योग सबà¥à¤œà¥€ बेच रहे थे l लोग दà¥à¤•ानदारों से सबà¥à¤œà¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ का मोल à¤à¤¾à¤— कर रहे थे l मैंने à¤à¥€ टमाटर, पà¥à¤¯à¤¾à¤œ, आलू, और मडर खरीदने का मोल à¤à¤¾à¤µ किया l मैंने सà¥à¤µà¤¯à¤‚ सबà¥à¤œà¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ को चà¥à¤¨à¤¾ और उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ तूलवाया केले और संतरे बी खरीदने थे l फल अधिकतर रेडियो पर सजे हà¥à¤ थे l मैंने चार पाचरेडियो पर बिकने वाले फलों केदाम पूछे l और फिर à¤à¤• रेडी से फल खरीदे l कारà¥à¤¯ करना अलग पà¥à¤°à¤•ार का संतोष अनà¥à¤à¤µ हà¥à¤† l जब मैं घर पहà¥à¤‚चा तो मà¥à¤à¥‡ à¤à¤¸à¤¾ पà¥à¤°à¤¤à¥€à¤¤ हो रहा था कि मैं कà¥à¤› अलग काम करके वापस लौटा हूं l
पà¥à¤°à¤•ृति का वरदान पेड़ पौधे​​​​​​
पà¥à¤°à¤•ृति संसार को अनेक अनूठे उपहार à¤à¥‡à¤‚ट किठहैं l पेड़ पौधे पà¥à¤°à¤•ृति का अनूठा वरदान है l पेड़ पौधे से पà¥à¤£à¥‡ जीव जगत के जीवन मूल धारा है l यह परà¥à¤¯à¤¾à¤µà¤°à¤£ को साफ सà¥à¤µà¤¸à¥à¤¥ à¤à¤µà¤‚ सà¥à¤‚दर बनाते हैं l यह कारà¥à¤¬à¤¨ डाइऑकà¥à¤¸à¤¾à¤‡à¤¡ का गà¥à¤°à¤¹à¤£ करते हैं और ऑकà¥à¤¸à¥€à¤œà¤¨ दूसरों को देते हैं l ऑकà¥à¤¸à¥€à¤œà¤¨ से समयपà¥à¤°à¤® पà¥à¤°à¤¾à¤£à¥€ जगत सांस लेता है l पेड़ पौधे सà¥à¤µà¤¯à¤‚ सूरà¥à¤¯ की तपन को सहन कर दूसरों को छाया पà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¨ करते हैं l अपने पर सà¥à¤µà¤¯à¤‚ कà¤à¥€ नहीं खाते बलà¥à¤•ि उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ à¤à¥€ हमें दे देते हैं l इतने पेड़ पौधे वातावरण को शà¥à¤¦à¥à¤§ बनाते हैं l धरती की उपजाऊ शकà¥à¤¤à¤¿ को बढ़ाते हैं l à¤à¥‚मि को पानी के कटाव से रोकती है l पेड़ पौधों से हमें लकड़ियां चाल आदि अनेक आहार पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ होते हैं l पेड़ पौधे पà¥à¤°à¤•ृति का अनूठा वरदान है l हमें à¤à¥€ पेड़ पौधों का संरकà¥à¤·à¤£ करना चाहिठl अधिक से अधिक पेड़ पौधे लगाने चाहिठl
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8. निमà¥à¤¨à¤¾à¤²à¤¾à¤–त गदà¥à¤¯à¤¾à¤¶ को पढ़कर दिठगठपà¥à¤°à¤¶à¥à¤¨à¥‹à¤‚ के उतà¥à¤¤à¤° दीजिठ-
अनà¥à¤¶à¤¾à¤¸à¤¨à¤¹à¥€à¤¨à¤¤à¤¾ à¤à¤• पà¥à¤°à¤šà¤‚डतम संकà¥à¤°à¤¾à¤®à¤• बीमारी है। आग की तरह यह फैलती है और आग की तरह जो कà¥à¤› इसके अधीन आता जाता है, उसे धà¥à¤µà¤¸à¥à¤¤ करती जाती है। अतः हर सà¥à¤¤à¤° पर जो à¤à¥€ संचालक अथवा पà¥à¤°à¤à¤¾à¤°à¥€ है, उसका यह पà¥à¤°à¤®à¥à¤– करà¥à¤¤à¤µà¥à¤¯ हो जाता है कि अनà¥à¤¶à¤¾à¤¸à¤¨à¤¹à¥€à¤¨à¤¤à¤¾ के पहले लकà¥à¤·à¤£à¥‹à¤‚ को देखते ही उसका पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µà¥€ उपचार कर दें। अनà¥à¤¯à¤¥à¤¾ यह बीमारी समà¥à¤ªà¥‚रà¥à¤£ राषà¥à¤Ÿà¥à¤° का ही पतन कर सकती है। वसà¥à¤¤à¥à¤¤à¤ƒ अनà¥à¤¶à¤¾à¤¸à¤¨ शिथिल होने का अरà¥à¤¥ है, मूलà¥à¤¯à¥‹à¤‚ और मानà¥à¤¯à¤¤à¤¾à¤“ं का अवमूलà¥à¤¯à¤¨ होना और जब à¤à¤¸à¤¾ होता है तो कोई à¤à¥€ राषà¥à¤Ÿà¥à¤° अथवा सà¤à¥à¤¯à¤¤à¤¾ कितनी ही दिवà¥à¤¯ कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ न हो, नषà¥à¤Ÿ हो जायेगी। अनà¥à¤¶à¤¾à¤¸à¤¿à¤¤ हà¥à¤ बिना कोई समाज, कोई विà¤à¤¾à¤— या कोई राषà¥à¤Ÿà¥à¤° शकà¥à¤¤à¤¿à¤¶à¤¾à¤²à¥€ नहीं बन सकता। इतना ही नहीं अनà¥à¤¶à¤¾à¤¸à¤¨ के बिना किसी देश से दरिदà¥à¤°à¤¤à¤¾, अनà¥à¤¯à¤¾à¤¯, आपसी फूट और वैमनसà¥à¤¯ कà¤à¥€ दूर नहीं हो सकते ।
(i) अनà¥à¤¶à¤¾à¤¸à¤¨à¤¹à¥€à¤¨à¤¤à¤¾ कैसी बीमारी है ?
Answer:
अनà¥à¤¶à¤¾à¤¸à¤¨à¤¹à¥€à¤¨à¤¤à¤¾ à¤à¤• पà¥à¤°à¤šà¤‚डतम संकà¥à¤°à¤¾à¤®à¤• बीमारी है।
-
(ii) अनà¥à¤¶à¤¾à¤¸à¤¨ शिथिल होने से किसी राषà¥à¤Ÿà¥à¤° या सà¤à¥à¤¯à¤¤à¤¾ पर कà¥à¤¯à¤¾ पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µ पड़ता है ?
Answer:
अनà¥à¤¶à¤¾à¤¸à¤¨ शिथिल होने का अरà¥à¤¥ है, मूलà¥à¤¯à¥‹à¤‚ और मानà¥à¤¯à¤¤à¤¾à¤“ं का अवमूलà¥à¤¯à¤¨ होना और जब à¤à¤¸à¤¾ होता है तो कोई à¤à¥€ राषà¥à¤Ÿà¥à¤° अथवा सà¤à¥à¤¯à¤¤à¤¾ कितनी ही दिवà¥à¤¯ कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ न हो, नषà¥à¤Ÿ हो जायेगी।
-
(iii) किसके बिना देश से दरिदà¥à¤°à¤¤à¤¾, अनà¥à¤¯à¤¾à¤¯, आपसी फूट और वैमनसà¥à¤¯ कà¤à¥€ दूर नहीं हो सकते ?
Answer:
अनà¥à¤¶à¤¾à¤¸à¤¨ के बिना देश से दरिदà¥à¤°à¤¤à¤¾, अनà¥à¤¯à¤¾à¤¯, आपसी फूट और वैमनसà¥à¤¯ कà¤à¥€ दूर नहीं हो सकते l
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(iv) 'उपचार' तथा 'वैमनसà¥à¤¯' शबà¥à¤¦à¥‹à¤‚ के अरà¥à¤¥ लिखिà¤à¥¤
Answer:
उपचार:-इलाज
वैमनसà¥à¤¯:-दà¥à¤¶à¥à¤®à¤¨à¥€
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(v) उपरà¥à¤¯à¥à¤•à¥à¤¤ गदà¥à¤¯à¤¾à¤‚श का उचित शीरà¥à¤·à¤• दीजिà¤à¥¤
Answer:
अनà¥à¤¶à¤¾à¤¸à¤¨à¤¹à¥€à¤¨à¤¤à¤¾
-
à¤à¤¾à¤—-च
9. निमà¥à¤¨à¤²à¤¿à¤–ित में से किनà¥à¤¹à¥€à¤‚ पाà¤à¤š मà¥à¤¹à¤¾à¤µà¤°à¥‹à¤‚ लोकोकà¥à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ के वाकà¥à¤¯ इस तरह बनाà¤à¤‚ ताकि उनके अरà¥à¤¥ सà¥à¤ªà¤·à¥à¤Ÿ हो जाà¤à¤‚ -
(i) रà¥à¤ªà¤¯à¤¾ पानी में फेंकना
(ii) फूल à¤à¤¡à¤¼à¤¨à¤¾
(iii) तिल का ताड़ बनाना
(iv) आà¤à¤š न आने देना
(V) कथनी नहीं, करनी चाहिà¤
(vi) कà¤à¥€ नाव गाड़ी पर, कà¤à¥€ गाड़ी नाव पर
(vii) सावन हरे न à¤à¤¾à¤µà¥Œà¤‚ सूखे
Answer:
रà¥à¤ªà¤¯à¤¾ पानी में फेंकना:-(मनà¥à¤¨à¤¤ मांगने ) यह माना जाता है कि रà¥à¤ªà¥ˆà¤¯à¤¾ पानी में फेंकने से सब काम पà¥à¤°à¥‡ होते हैं l
फूल à¤à¤¡à¤¼à¤¨à¤¾:-(मà¥à¤¸à¥à¤•à¥à¤°à¤¾à¤¨à¤¾) राम के धोखा देने पर शà¥à¤¯à¤¾à¤® के फूल à¤à¤¡à¤¼ गठl
तिल का ताड़ बनाना:-( छोटी बात को बढ़ाना) सà¥à¤§à¤¾à¤•र की जरा सी बात को अपने ऊपर आरोप समठकर रोहनका तिल का ताड़ बनाना है l
आà¤à¤š न आने देना:-( कà¥à¤› à¤à¥€ ना होने देना):- कितने मà¥à¤¶à¥à¤•िल के समय में à¤à¥€ माधवी ने उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ आà¤à¤š न आने देना l
कथनी नहीं, करनी चाहिà¤:-( बातें बहà¥à¤¤ परंतॠकाम कà¥à¤› नहीं) आजकल के नेताओं की कथनी और करनी में बहà¥à¤¤ अंतर है कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि जनता को उनकी कथनी नहीं, करनी चाहिà¤l
कà¤à¥€ नाव गाड़ी पर, कà¤à¥€ गाड़ी नाव पर:-( जरूरत में à¤à¤• दूसरे की मदद करनी) सà¥à¤°à¥‡à¤‚दà¥à¤° कौर ने बलविंदर कौर की गलत में सहायता की थी तो बलविंदर ने सà¥à¤°à¥‡à¤‚दà¥à¤° कॉल की अंगà¥à¤°à¥‡à¤œà¥€ में मदद करती इसीलिठकहा गया है किकà¤à¥€ नाव गाड़ी पर, कà¤à¥€ गाड़ी नाव पर l
सावन हरे न à¤à¤¾à¤µà¥Œà¤‚ सूखे:-( à¤à¤• जैसी दशा रहनी) राम गरीबी में पाई पाई के लिठमरता था अब अब उसका वà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤¾à¤° चमक उठा है तो बेवफाई पर के लिठमर रहा है उसकी तो सावन हरे न à¤à¤¾à¤µà¥Œà¤‚ सूखे जैसी हालत है l
-
à¤à¤¾à¤—-छ
10. निमà¥à¤¨à¤²à¤¿à¤–ित पंजाबी गदà¥à¤¯à¤¾à¤‚श का हिंदी में अनà¥à¤µà¤¾à¤¦ कीजिठ-
à¨à©à¨°à¨¿à¨¸à¨¼à¨Ÿ ਆਚਰਣ ਹੀ à¨à©à¨°à¨¿à¨¸à¨¼à¨Ÿà¨¾à¨šà¨¾à¨° ਹà©à©°à¨¦à¨¾ ਹੈ । ਕà©à¨ ਲੋਕ ਕੇਵਲ ਪੈਸੇ ਦੀ ਹੇਰਾਫੇਰੀ ਅਤੇ ਘਪਲੇਬਾਜ਼ੀ ਨੂੰ ਹੀ à¨à©à¨°à¨¿à¨¸à¨¼à¨Ÿà¨¾à¨šà¨¾à¨° ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ਪਰ ਇਸ ਤੋਂ ਇਲਾਵਾ ਮਿਲਾਵਟ, ਅਨਿਆਂ, ਸਿਫਾਰਿਸ਼, ਕਾਲਾਬਜ਼ਾਰੀ, ਸ਼ੋਸ਼ਣ ਅਤੇ ਧੋਖਾ ਆਦਿ ਸਠਕà©à¨ ਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਸਾਰਾ ਸਮਾਜ ਇੱਕ ਜà©à¨Ÿ ਹੋ ਕੇ ਹੀ à¨à©à¨°à¨¿à¨¸à¨¼à¨Ÿà¨¾à¨šà¨¾à¨° ਰੂਪੀ ਇਸ ਦੈਤ ਨੂੰ ਖਤਮ ਕਰ ਸਕਦਾ ਹੈ ।
Answer:
à¤à¥à¤°à¤·à¥à¤Ÿ आचरण à¤à¥€ à¤à¥à¤°à¤·à¥à¤Ÿà¤¾à¤šà¤¾à¤° है। कà¥à¤› लोग केवल पैसे की हेराफेरी और धोखेबाजी को ही à¤à¥à¤°à¤·à¥à¤Ÿà¤¾à¤šà¤¾à¤° कहते हैं, पर इसके अलावा, मिलावट, अनà¥à¤¯à¤¾à¤¯, सिफारिश, कालाबाजारी, शोषण और धोखाधड़ी सब कà¥à¤› आ जाता है। सहारा समाज à¤à¤•जà¥à¤Ÿ होकर à¤à¥à¤°à¤·à¥à¤Ÿà¤¾à¤šà¤¾à¤° रूपी इस को समापà¥à¤¤ कर सकता है।
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à¤à¤¾à¤—-ज
11. निमà¥à¤¨à¤²à¤¿à¤–ित में से किसी à¤à¤• पà¥à¤°à¤¶à¥à¤¨ का उतà¥à¤¤à¤° दीजिठ-
(i) आपका नाम रवि कà¥à¤®à¤¾à¤° है। आप सूरà¥à¤¯à¤¾ सीनियर सेकेंडरी सà¥à¤•ूल, पठानकोट में हिंदी के अधà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤• हैं। आप फल की हिंदी साहितà¥à¤¯ समिति के सचिव हैं। इस समिति दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ आपके सà¥à¤•ूल में दिनांक 11.08.2018 को ‘सड़क सà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¾' विषय पर à¤à¤¾à¤·à¤£ पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤—िता का आयोजन किया जा रहा है। इस समà¥à¤¬à¤¨à¥à¤§ में आप अपनी ओर से à¤à¤• सूचना तैयार करके लिखिठजिसमें विदà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ को इस पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤—िता में à¤à¤¾à¤— लेने के लिठकहा गया हो। |
Answer:
आप सà¤à¥€ विदà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ को सूचित किया जाता है कि सà¥à¤•ूल में11.08.2018 को सड़क सà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¾ वरà¥à¤· पर à¤à¤¾à¤·à¤£ पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤—िता का आयोजन किया जा रहा है l इसमें सà¤à¥€ विदà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ का आना अनिवारà¥à¤¯ है l
रवि कà¥à¤®à¤¾à¤°
हिंदी साहितà¥à¤¯ समिति
सूरà¥à¤¯à¤¾ सीनियर सेकेंडरी सà¥à¤•ूल,
पठानकोट
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(ii) आपका नाम अमिताठहै। आपका सेकà¥à¤Ÿà¤°-22 मà¥à¤®à¥à¤¬à¤ˆ में बहà¥à¤¤ बड़ा पाà¤à¤š सितारा होटल है। आपका मोबाइल नमà¥à¤¬à¤° 1354456695 है। आपको अपने होटल के लिठà¤à¤• मैनेजर की आवशà¥à¤¯à¤•ता है। वरà¥à¤—ीकृत विजà¥à¤žà¤¾à¤ªà¤¨ के अनà¥à¤¤à¤°à¥à¤—त 'मैनेजर की आवशà¥à¤¯à¤•ता है' का पà¥à¤°à¤¾à¤°à¥‚प तैयार करके लिखिà¤à¥¤
Answer:
सेकà¥à¤Ÿà¤°-22 मà¥à¤‚बई पà¥à¤°à¤¤à¤¿ निषà¥à¤ ा 5 तारा होटल में काम करने वाली मैनेजर की आवशà¥à¤¯à¤•ता है l डॉकà¥à¤Ÿà¤°à¥€, बीमा फंड की सà¥à¤µà¤¿à¤§à¤¾ l अंगà¥à¤°à¥‡à¤œà¥€ à¤à¤¾à¤·à¤¾ बोलना अनिवारà¥à¤¯ वेदर योगà¥à¤¯ अनà¥à¤¸à¤¾à¤° l 3 वरà¥à¤· का अनà¥à¤à¤µ आवशà¥à¤¯à¤• l संपरà¥à¤• करो-मोबाइल नमà¥à¤¬à¤° 1354456695
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12. निमà¥à¤¨à¤²à¤¿à¤–ित में से किसी à¤à¤• पà¥à¤°à¤ªà¤¤à¥à¤° को अपनी उतà¥à¤¤à¤° पà¥à¤°à¤¿à¤¤à¤•ा पर उतारकर à¤à¤°à¥‡à¤‚ - (i) मान लीजिठआपका नाम पूनम कà¥à¤®à¤¾à¤°à¥€ है। आपका à¤à¤µà¤¿à¤·à¥à¤¯ बैंक, शाखा-शिमला में à¤à¤• बचत खाता है, जिसका नमà¥à¤¬à¤° 373748488 है। आपको अपने इस खाते में से 5500/- रà¥à¤ªà¤¯à¥‡ निकलवाने हैं। इस अनà¥à¤¸à¤¾à¤° निमà¥à¤¨à¤²à¤¿à¤–ित पà¥à¤°à¤ªà¤¤à¥à¤° की रूपरेखा अपनी उतà¥à¤¤à¤° पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤¿à¤•ा पर उतार कर à¤à¤°à¥‡à¤‚ -
à¤à¤µà¤¿à¤·à¥à¤¯ बैंक, शाखा : शिमला
बचत बैंक आहरण पà¥à¤°à¤ªà¤¤à¥à¤° ।
बचत खाताधारक का नाम: .....................................................................
खाता नमà¥à¤¬à¤° :..........................................................................................
कृपया मà¥à¤à¥‡............................रà¥à¤ªà¤¯à¥‡ (अंकों में)............... रà¥. (राशि शबà¥à¤¦à¥‹à¤‚ में)।
अदा करें।
खाताधारक के हसà¥à¤¤à¤¾à¤•à¥à¤·à¤° :.......................
Answer:
बचत खाताधारक का नाम: . पूनम कà¥à¤®à¤¾à¤°à¥€
खाता नमà¥à¤¬à¤° :. 373748488
कृपया मà¥à¤à¥‡ .5500/- रà¥à¤ªà¤¯à¥‡ (अंकों में).. पाà¤à¤š हजार पाà¤à¤š सौ रà¥. (राशि शबà¥à¤¦à¥‹à¤‚ में)।
अदा करें।
खाताधारक के हसà¥à¤¤à¤¾à¤•à¥à¤·à¤° :..पूनम कà¥à¤®à¤¾à¤°à¥€
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(ii) मान लीजिठआपका नाम सà¥à¤ªà¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾ देवी है। आपका à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ डाक के सेकà¥à¤Ÿà¤°-15 नोà¤à¤¡à¤¾ में à¤à¤• बचत खाता है, जिसका नमà¥à¤¬à¤° 834747393 है। आपको अपने इस खाते में से दिनांक 23.05.2018 को 4500/- रà¥à¤ªà¤¯à¥‡ निकलवाने हैं। इस अनà¥à¤¸à¤¾à¤° निमà¥à¤¨à¤²à¤¿à¤–ित पà¥à¤°à¤ªà¤¤à¥à¤° की रूपरेखा अपनी उतà¥à¤¤à¤° पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤¿à¤•ा पर उतार कर à¤à¤°à¥‡ ।
रà¥à¤ªà¤¯à¥‡ निकालने का फॉरà¥à¤®
(जमाकरà¥à¤¤à¤¾ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ à¤à¤°à¤¾ जाà¤)
डाकघर का नाम : सेकà¥à¤Ÿà¤° -15, नोà¤à¤¡à¤¾
दिनांक......................बचत खाता से :.............................................................................................
कृपया मà¥à¤à¥‡.....................रà¥à¤ªà¤¯à¥‡ (अंकों में.) .............................रà¥. (राशि शबà¥à¤¦à¥‹à¤‚ में) का à¤à¥à¤—तान करें।
जमाकरà¥à¤¤à¤¾ के हसà¥à¤¤à¤¾à¤•à¥à¤·à¤° : ,........................................................................
Answer:
दिनांक.22.05.2018
बचत खाता से :...834747393...
कृपया मà¥à¤à¥‡..4500/-..रà¥à¤ªà¤¯à¥‡ (अंकों में.) . चार हजार पाचठसौ रà¥. (राशि शबà¥à¤¦à¥‹à¤‚ में) का à¤à¥à¤—तान करें।
जमाकरà¥à¤¤à¤¾ के हसà¥à¤¤à¤¾à¤•à¥à¤·à¤° : ,...सà¥à¤ªà¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾ देवी..